tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post2624460315808247465..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: ¿ǝɹǝɥ uǝʇʇıɹʍ sı ʇɐɥʍरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-66771334525418750082007-07-05T13:34:00.000+05:302007-07-05T13:34:00.000+05:30।ईाधब ेयिल ेक नाम्मस ेयग ेयिद ाराव्द ेक ट्फॉसोर्कइ...।ईाधब ेयिल ेक नाम्मस ेयग ेयिद ाराव्द ेक ट्फॉसोर्कइामउन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-77103311674818229542007-07-04T23:51:00.000+05:302007-07-04T23:51:00.000+05:30मामला लाईव है. रवीजी निशःब्द व्यंगकार हैं. बिना लि...मामला लाईव है. रवीजी निशःब्द व्यंगकार हैं. बिना लिखे सबकुछ पढ़ा देते हैं. फुलकि खुशबु याद है न...Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-16487458120452432742007-07-04T21:59:00.000+05:302007-07-04T21:59:00.000+05:30समीर भाइ ये हम ही पढ सकते है रवी जी ने हमारे लिये ...समीर भाइ ये हम ही पढ सकते है रवी जी ने हमारे लिये ही ये कूट भाषा मे मैसेज भेजा है<BR/>ये ये है<BR/>दरअसल, एक ऑनलाइन अक्षर पलट औजार द्वारा इस पूरे पाठ को उलट कर यहाँ छापा गया है.<BR/>अंग्रेज़ी में यह कुछ दूसरे रूप में पलटता है – जैसा कि आप इस चिट्ठे के शीर्षक में कुछ इस तरह –<BR/>ʍɥɐʇ ıs ʍɹıʇʇǝn ɥǝɹǝ?<BR/>देख पा रहे हैं, परंतु हिन्दी पाठ को यह उर्दू की तरह दाएँ से पलटता है.<BR/>है न मस्त औजार?<BR/>मगर यदि यह हिन्दी पाठ को कुछ इस तरह<BR/>या फिर कुछ इस तरह<BR/>पलटता तब ज्यादा मजा आता<BR/>तो, अगली दफ़ा अपने मित्र को ऐसा ही कुछ उलट-पलट लिख भेजें और उसे चौंका दें<BR/>अब आप समझ गये होगे अगली बार हमे फ़ोनवा करे<BR/>ेगेयारक ागंप ाहय ेगंाम रप लेमई रबंन नोफ़Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-31264379383107839102007-07-04T21:03:00.000+05:302007-07-04T21:03:00.000+05:30भागो ..जल्दी से भागो!!! वर्ना संगत का असर ना हो जा...भागो ..जल्दी से भागो!!! वर्ना संगत का असर ना हो जाए!!!!!!राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-17852915849754903122007-07-04T20:18:00.000+05:302007-07-04T20:18:00.000+05:30खुद तो खुद, जितने आये वो भी उलट दिमाग हो गये. यह ह...खुद तो खुद, जितने आये वो भी उलट दिमाग हो गये. यह होता है संगत का असर. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-52739070562353204642007-07-04T20:15:00.000+05:302007-07-04T20:15:00.000+05:30।ायिद रक ीह लामक ोत ेन पआ 'ायग आ ाजम।ायिद रक ीह लामक ोत ेन पआ 'ायग आ ाजमSagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-43882487994790406142007-07-04T19:35:00.000+05:302007-07-04T19:35:00.000+05:30मदकए लामकमदकए लामकAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-30919970958890037902007-07-04T19:31:00.000+05:302007-07-04T19:31:00.000+05:30(: ीभ पआ ईाभ िवर ंह ेतरक बजग ाय्क(: ीभ पआ ईाभ िवर ंह ेतरक बजग ाय्कAnonymousnoreply@blogger.com