tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post116116482424903048..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: सॉफ़्टवेयर समीक्षा: एक और सरकारी 'मंत्र'?रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1161862630353725352006-10-26T17:07:00.000+05:302006-10-26T17:07:00.000+05:30सृजन शिल्पी जी,निसंदेह यह अनुप्रयोग बहुत मेहनत से ...सृजन शिल्पी जी,<BR/><BR/>निसंदेह यह अनुप्रयोग बहुत मेहनत से बना है, और मैंने इसमें लगे मेहनत की तारीफ़ भी की है. खासकर हिन्दी के वर्तनी इत्यादि कि.<BR/><BR/>मैंने आलोचना इस सॉफ़्टवेयर के आर्कीटेक्ट की की है, जो कि आधुनिक तो बिलकुल नहीं है. हो सकता है मेरे द्वारा डाउनलोड किए सॉफ़्टवेयर डाटाबेस पूरा नहीं हो, जिसके कारण यह अनुवादों को सही नहीं बताता है.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1161859652241951732006-10-26T16:17:00.000+05:302006-10-26T16:17:00.000+05:30रवि भाई, आपका यह लेख मैं पहले नहीं पढ़ पाया था। मं...रवि भाई, आपका यह लेख मैं पहले नहीं पढ़ पाया था। मंत्र-राजभाषा के जिस संस्करण का आपने ट्रायल किया है, उसका परीक्षण तो मैंने भी स्वयं नहीं किया है अभी तक। हाँ, इसका प्रदर्शन मैंने देखा जरूर है सी-डैक की टीम द्वारा। मैं इसके उन्नत संस्करण (मंत्र-राज्य सभा) का प्रयोग करता रहा हूँ, जिसमें दिन ब दिन सुधार आता जा रहा है और हमलोग अब इसके अनुवाद को संसद के कामकाज में इस्तेमाल भी करने लगे हैं। फिर भी, कुछ बातें ध्यान में रखा जाना जरूरी है। जैसे कि मंत्र डोमेन-सापेक्ष अनुवाद करता है। मसलन वह जिस डोमेन के लिए बनाया गया है उसी की शब्दावली को बेहतर ढंग से अनुवाद कर पाता है। दूसरा, मंत्र जिस सिस्टम पर स्थापित किया गया हो, उसका कंफिगरेशन अच्छा होना चाहिए, खासकर रैम, क्योंकि प्रोसेसिंग बहुत करनी पड़ती है सिस्टम को। तीसरा, मंत्र के सही प्रयोग के लिए प्रयोक्ता को कुछ अवधि तक प्रशिक्षण लेना भी जरूरी है। <BR/>आपके इस लेख ने मुझे अपने पुराने वायदे को पूरा करने के लिए विवश कर दिया है जिसमें मैंने मंत्र की कार्यप्रणाली के बारे में निरंतर के अगले अंक में लेख भेजने की बात की थी। <BR/>मंत्र का राज्य सभा वाला संस्करण अब हास्यास्पद अनुवाद के स्तर से अब कई वर्ष आगे आ चुका है। मैं इसके कुछ नमूने अपने लेख में शामिल करने का प्रयास करूँगा। <BR/>जहाँ तक इस मुफ्त उपलब्ध संस्करण की बात है इस पर आप जैसे लगभग 1500 लोगों ने अनुवाद के ट्रायल किए हैं, सी-डैक का स्टाफ ऑनलाइन अनुवाद के आउटपुट का विश्लेषण करता रहता है। इस तरह के ट्रायल से सी-डैक वालों को सुविधा होगी आगे सुधार करने में। <BR/>मैं तो एक उत्साही प्रयोगकर्ता के रूप में ही इस परियोजना से जुड़ा रहा हूँ और मेरी कोशिश रही है इस सिस्टम को सही अनुवाद करने में समर्थ बनाने की। चूँकि यह सिस्टम कृत्रिम बुद्धि पर आधारित है, मंत्र को पहले अपनी बुद्धि देकर तैयार करना पड़ता है, फिर यह आपकी सहायता करता है। <BR/>इसका ऑनलाइन संस्करण तो यूनिकोडित हिन्दी में ही आउटपुट देता है। इसमें इंकोडिंग बदलकर यूनिकोड फोण्ट में आउटपुट लेने का विकल्प भी मौजूद है।Srijan Shilpihttps://www.blogger.com/profile/09572653139404767167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1161186561924073142006-10-18T21:19:00.000+05:302006-10-18T21:19:00.000+05:30भगवान सरकारी तंत्र से हिन्दी को बचाये। आपकी समीक्श...भगवान सरकारी तंत्र से हिन्दी को बचाये। आपकी समीक्शा से बहुत से लोगों को फायदा होगा, शायद सी-डैक के भी कान में यह बात पहुँचे..अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1161178982521909112006-10-18T19:13:00.000+05:302006-10-18T19:13:00.000+05:30रवि दद्दा आपने सृजन शिल्पी की चिकाही की है या बढ़ाई...रवि दद्दा <BR/>आपने सृजन शिल्पी की चिकाही की है या बढ़ाई?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1161176812619906462006-10-18T18:36:00.000+05:302006-10-18T18:36:00.000+05:30सुखी हुआ. दुखी हुआ .सुखी हुआ. दुखी हुआ .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1161174689197944162006-10-18T18:01:00.000+05:302006-10-18T18:01:00.000+05:30कमाल का सोफ्टवेर बनाया हैं, जनता के रूपैये फूँक कर...कमाल का सोफ्टवेर बनाया हैं, जनता के रूपैये फूँक कर. एक सरल-सहज स्थापना के बाद अद्भुत अनुवाद.<BR/>हास्य रचनाओं की कमी हो जाने पर इससे अनुवाद करो, पढ़ो और हँसो. यही हैं मंत्रा का मंत्र.Anonymousnoreply@blogger.com