tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post115632921851834590..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: द ग्रेट इंडियन बाबूडम भाग - 2रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1156449003306813182006-08-25T01:20:00.000+05:302006-08-25T01:20:00.000+05:30रतलामी बाबू, लकीरी और फ़कीरी की बातें करना आसान है।...रतलामी बाबू, लकीरी और फ़कीरी की बातें करना आसान है। ये कोर्पोरेट के चक्कर बडे घुमावदार होते हैं। भूल गये क्या अमरीका के एनरोन, वर्ल्डकॉम जैसी महा घोटालों को। भारत का कोर्पोरेट शरीस अभी काफ़ी कमज़ोर है। अभी फ़ूंक-फ़ूंक कर कदम रखना ही समझदारी है।hemanshowhttps://www.blogger.com/profile/02804491530505719032noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1156336535661627362006-08-23T18:05:00.000+05:302006-08-23T18:05:00.000+05:30सही कह रहे हैं, कब उबरेंगे हम लकीरी की फकीरी से.-स...सही कह रहे हैं, कब उबरेंगे हम लकीरी की फकीरी से.<BR/><BR/>-समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com