tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post109418682763374059..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: लिनक्स में वायरस!रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-43835228564395991162011-11-17T00:57:57.905+05:302011-11-17T00:57:57.905+05:30शैतान भी हैं आप? पता नहीं था। लीनक्स तो लीनाक्ष है...शैतान भी हैं आप? पता नहीं था। लीनक्स तो लीनाक्ष है। जैसे मैक्समूलर मोक्षमूलर।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-54296162737904938192008-03-23T09:51:00.000+05:302008-03-23T09:51:00.000+05:30प्रभात भाई, वैसे तो रेडहेट के फेदोरा में हिन्दी सम...प्रभात भाई, वैसे तो रेडहेट के फेदोरा में हिन्दी समर्थन पूरा है क्योंकि उनका हिन्दी समेत भारतीय भाषाओं का एक लैब पुणे में कार्यरत है, और वे बढ़िया काम कर रहे हैं. मेरे विचार में फेदोरा या उबुन्टु या मंड्रिवा आपके लिए उत्तम रहेगा. मगर लिनक्स का प्रयोग आप सीधे सीडी से बूट कर भी कर सकते हैं. इंस्टालेशन के समय अतिरिक्त भाषा के रूप में हिन्दी विकल्प भी चुनें.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-49455143875607160852008-03-23T00:30:00.000+05:302008-03-23T00:30:00.000+05:30रवि भाई , इधर वाईरस के हमलों से तंग आकर मैने अपने ...रवि भाई , इधर वाईरस के हमलों से तंग आकर मैने अपने कम्पयूटर मे लिनक्स ( उबन्टू ) इन्सटाल करने का प्रयत्न किया , हाँलाकि वह कामयाब न हो पाया , कोई अच्छा लिन्कस बतायें जिसे मै अपने कम्पयूटर पर डाल सकूं । और जिसमे हिन्दी भी सपोर्ट हो ।Dr Prabhat Tandonhttps://www.blogger.com/profile/14781869148419299813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1159609878316272852006-09-30T15:21:00.000+05:302006-09-30T15:21:00.000+05:30सागर,ऐसा नहीं है. लिनक्स के लिए भी वायरस बन चुके ह...सागर,<BR/>ऐसा नहीं है. लिनक्स के लिए भी वायरस बन चुके हैं. परंतु ये उतनी ज्यादा मारकाट नहीं मचा सकते क्योंकि लिनक्स में हर स्तर पर उच्च सुरक्षा होती है और प्रत्येक मशीन का अपना अलग ही कॉन्फ़िगरेशन होता है. दूसरे शब्दों में कोई भी दो अलग उपयोक्ताओं की लिनक्स मशीन एक जैसी नहीं हो सकती!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1159599016642541202006-09-30T12:20:00.000+05:302006-09-30T12:20:00.000+05:30क्या यह सत्य है कि लिनक्स के लिये कोई वायरस नहीं ब...क्या यह सत्य है कि लिनक्स के लिये कोई वायरस नहीं बना या नहीं बना सकता?Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.com