लिनक्स पॉकेट गाइड – लिनक्स आपकी जेब में : अध्याय 13 – लिनक्स टिप्स एंड ट्रिक्स

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पिछले अध्याय 12 से जारी… अध्याय 13 लिनक्स टिप्स एंड ट्रिक्स आपने ऊपर के अध्यायों में लिनक्स में कार्य संबंधी तमाम मूलभूत बातें पढ़ीं. ...

पिछले अध्याय 12 से जारी…

अध्याय 13

लिनक्स टिप्स एंड ट्रिक्स

आपने ऊपर के अध्यायों में लिनक्स में कार्य संबंधी तमाम मूलभूत बातें पढ़ीं. लिनक्स में उन्नत रूप में मास्टरी प्राप्त करने के लिए लिनक्स के विविध टिप्स व ट्रिक्स की जानकारी भी रखना आवश्यक हैं. ये टिप्स व ट्रिक्स लिनक्स में नित्य, दैनिक कार्य करने के दौरान विविध क़िस्म की समस्याओं से जूझने व उन्हें त्वरित रूप से निष्पादित करने के लिए भी अनिवार्य होती हैं. प्रस्तुत है कुछ टिप्स व ट्रिक्स –

13.1 लिनक्स टिप्स: लिनक्स में हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं में काम (टाइप इत्यादि) कैसे करें

ओपनसोर्स होने के कारण लिनक्स की सबसे बड़ी ख़ूबसूरती यह है कि इसके हर आयाम को अपने मनपसंद रूप में ढाला, संवारा जा सकता है। इसके मूल रूप को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि लिनक्स को विश्व के किसी भी भाषा के वातावरण में आसानी से लाया जा सकता है – यही कारण है कि व्यवसायिक उत्पाद विंडोज़ की तुलना में तिगुने से भी अधिक भाषाओं में लिनक्स के संस्करण जारी हो चुके हैं और यह यात्रा अनवरत जारी है।

लिनक्स के नए संस्करणों (फेदोरा, रेडहेट, मंड्रिवा, उबुन्टु लिनक्स संस्करण इत्यादि) में 9 से अधिक भारतीय भाषाओं – पंजाबी, बंगाली, गुजराती, तमिल, तेलुगु, हिन्दी, मराठी, उड़िया, मलयालम इत्यादि में काम करने की अंतर्निर्मत सुविधा है तथा इनमें से कई भाषाओं में डेस्कटाप वातावरण (इंटरफेस) उपलब्ध हैं। भारत की 6 प्रतिशत से भी कम जनता अंग्रेजी बोलती समझती है। ऐसी स्थिति में उनकी अपनी भाषा में कम्प्यूटर पर कार्य करने का माहौल प्रदान करने से संचार-सूचना में क्रांति की उम्मीद तो जगती ही है।

हालाँकि लिनक्स में भारतीय भाषाओं का अंतर्निर्मित समर्थन है, परंतु इन भाषाओं में काम करने के लिए आपको कुछ स्थापना तथा सेटिंग इत्यादि के कुछ चरणों को पूरा करने होते हैं। आइए, देखते हैं कि उबुन्टु में हिन्दी (या किसी अन्य समर्थित भारतीय भाषा) में काम करने के लिए हमें क्या करना होगा।

आरंभिक स्थापना और सेटअप:

उबुन्टु की आरंभिक स्थापना के दौरान ही अधिकाधिक भाषाई वातावरण, जिनका उपयोग हमें करना है, उन्हें चुन लेने की सलाह दी जाती है। इससे उस भाषा की समस्त सिस्टम फ़ाइलें ख़ुद-ब-ख़ुद स्थापित हो जाती हैं। वैसे, यह काम बाद में भी सुविधानुसार किया जा सकता है। इसके लिए अपने मौजूदा उबुन्टु स्थापना को स्थापना सीडी के ज़रिए अद्यतन करना होगा और वांछित भाषा के अतिरिक्त विकल्प स्थापना के लिए चुनने होंगे।

जब आप उबुन्टु सेटअप के चयन विंडो में पहुँचते हैं तो आपको भाषा चयन करने का विकल्प मिलता है। यहाँ पर आप समर्थित भाषाओं की सूची पाते हैं। जिस भाषा का विकल्प आप चुनेंगे उसका भाषाई वातावरण यहाँ उपलब्ध रहेगा – उसके कुंजीपट के समेत. हालाँकि, सुविधा के लिए आपको डिफ़ॉल्ट अंग्रेजी ही रहने देने की सलाह दी जाती है. भारतीय भाषाई कुंजीपटों को अलग से सक्रिय व संस्थापित करने की जानकारी नीचे खंड में दी जा रही है -

उपलब्ध भाषाई वातावरण:
हालाँकि उबुन्टु बहुत से भारतीय भाषाओं को समर्थित करता है तथा इसका भाषाई वातावरण बहुत से भारतीय भाषाओं – जैसे कि हिन्दी, पंजाबी, मराठी, गुजराती इत्यादि में है, परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि इसमें के सारे अनुप्रयोग और सारा का सारा वातावरण इन भाषाओं में उपलब्ध होगा। आपने यहाँ दिए चित्रों में भी यह देखा होगा. दरअसल, अनुप्रयोगों के अनुवाद की सतत प्रक्रिया चलती रहती है और प्राय: कुछ प्रतिशत अनुवाद हो जाने पर यह मान लिया जाता है कि अनुप्रयोग उस भाषा में इस्तेमाल लायक हो गया है। तब उसे उस भाषा के लिए जारी कर दिया जाता है। अनुवादों का यह सारा कार्य विभिन्न अ-शासकीय, सामाजिक संस्थाओं-व्यक्तियों जैसे कि इंडलिनक्स, अंकुर-बांग्ला, उत्कर्ष, पंलिनक्स इत्यादि द्वारा किया जाता है। ये सारे अनुवाद कार्य मुक्त स्रोत के अंतर्गत जारी किए जाते हैं और इसी लिए, इन अनुवादों को आप लिनक्स उबुन्टु में भी पाते हैं तो रेडहेट में भी पाते हैं, मेनड्रेक में भी और सूसे में भी। हालाँकि कुछ वितरकों, जैसे कि रेडहेट ने आगे जाकर अपने उन्नत तंत्र सेटअप संवादों तथा स्थापना संदेशों, मदद फ़ाइलों को भी इनमें से कुछ भाषाओं में अनुवादित करवा लिया है जिससे भारतीय भाषाओं के लिहाज से फेडोरा व रेडहैट अन्य लिनक्स संस्करणों से बीस बैठता है।

लिनक्स के लिए तीन प्रमुख डेस्कटॉप वातावरण मौज़ूद हैं जो अपने समृद्ध अनुप्रयोगों के साथ आते हैं – वे हैं गनोम, केडीई तथा एक्सएफसीई। ये भी बहुत से भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैं. परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि इन भाषाओं के सभी कार्य माहौल तथा सभी अनुप्रयोग इन्हीं भाषाओं में मिलेंगे। दरअसल यह निर्भर करता है कि उस भाषा में कितना प्रतिशत कार्य अनुवादित किया जा चुका है। उदाहरण के लिए आप पाएँगे कि गनोम में हिन्दी, गुजराती और पंजाबी में लगभग सारा कार्य माहौल इन्हीं भाषा में मिलेगा चूँकि इन भाषाओं में अनुवाद का लगभग सारा कार्य हो चुका है। जबकि मराठी में आपको आंशिक माहौल ही मिलेगा। गनोम तथा केडीई के अनुप्रयोगों के अलावा लिनक्स के अन्य ढेरों अनुप्रयोग हैं जिन्हें भारतीय भाषाओं में नहीं लाया जा सका है, अत: आप इस बात के लिए तैयार रहें कि भारतीय भाषाओं के वातावरण में भी आपको अंग्रेजी तो यदा कदा दिखाई देगी ही। वास्तव में तो जो अनुप्रयोग और उसके हिस्से अनुवाद से छूटे हुए हैं, वे आपको अंग्रेजी में ही दिखाई देंगे।
अपनी डिफ़ॉल्ट भाषा सेटअप करें:

अगर आपने आरंभिक सेटअप के दौरान लिनक्स के डिफ़ॉल्ट भाषा के रूप में किसी भारतीय भाषा को नहीं चुना है, तो यह डिफ़ॉल्ट, अंग्रेजी भाषा में बूट होगा। अगर डिफ़ॉल्ट भाषा हिन्दी चुना गया है तो यह हिन्दी के वातावरण में बूट होगा। लिनक्स के भाषाई वातावरण को चित्रमय लॉगिन के दौरान भी चुन सकते हैं। उबुन्टु लिनक्स में अतिरिक्त भाषा को जोड़ने के लिए क्लिक करें – सिस्टम > प्रशासन > लैंगुएज सपोर्ट.

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नए विंडो पर वांछित भाषा चुनें – जैसे कि हिन्दी.

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ध्यान रखें कि आप इंटरनेट से कनेक्टेड हों. इंस्टॉल/रिमूव लैंगुएज बटन पर क्लिक करें. आप अतिरिक्त भाषाओं को भी चुन सकते हैं तथा इनमें से विविध विकल्प जैसे कि बेसिक ट्रांसलेशन, एक्स्ट्रा ट्रांसलेशन, एक्स्ट्रा फ़ॉन्ट इत्यादि को चुन सकते हैं.

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थोड़ी ही देर में आप से लैंगुएज सपोर्ट संस्थापित करने के लिए पूछा जाएगा -

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आपसे रूट उपयोक्ता का पासवर्ड पूछा जा सकता है. पासवर्ड भरें तथा इंस्टॉल बटन पर क्लिक करें. थोड़ी ही देर में आवश्यक फ़ाइलों को डाउनलोड कर आपके कम्प्यूटर पर संस्थापित कर दिया जाएगा –

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लिनक्स में यदि आप ग्राफिकल लॉगइन होते हैं उस वक्त भी आपके पास तंत्र की डिफ़ॉल्ट भाषा तथा डिफ़ॉल्ट डेस्कटॉप को चुनने / बदलने के विकल्प लॉगिन विंडो पर ही होते हैं। परंतु यह भाषा की उपलब्धता पर निर्भर करेगा. जैसे कि अगर आप केडीई वातावरण चुन रहे हैं तो ध्यान दें कि यदि गुजराती के लिए केडीई उपलब्ध नहीं है और आपको गुजराती के बदले अंग्रेजी ही दिखाई देगा। तो अगर आपको गुजराती का वातावरण चाहिए तो आपको डेस्कटॉप गनोम चुनना होगा। ग्राफिकल लॉगइन प्रक्रिया में इन भाषाओं तथा डेस्कटॉप वातावरण को चुनने के विकल्प मौजूद रहते हैं। हिन्दी के लिए आप गनोम / केडीई या एक्सएफसीई कोई भी चुन सकते हैं। परंतु ध्यान रहे कि हजारों लिनक्स अनुप्रयोगों को हार्डडिस्क में स्थापित करते समय आपने इन्हें भी स्थापित कर लिया है।

भाषा विशेष कुंजीपट जोड़ना:

माना कि आपने अपने लिनक्स मशीन के डिफ़ॉल्ट, अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त हिन्दी भाषा को आपने ऊपर दिए निर्देशों के अनुसार स्थापित कर लिया है और आप का डेस्कटॉप हिन्दी वातावरण दर्शा रहा है। परंतु हिन्दी का कुंजीपट किधर है ? हिन्दी कुंजीपट लाने के लिए आपको कुछ चरण और अपनाने होंगे जो कि गनोम में अलग होगा, केडीई में अलग और एक्सएफसीई में अलग। जब आप भाषाई वातावरण हिन्दी का बना लेते हैं तो आपका कुंजी पट इनस्क्रिप्ट हिन्दी में टाइप करने में सक्षम हो जाता है। परंतु टर्मिनल में कमांड अंग्रेजी में ही दिए जा सकते हैं तो वापस कुंजीपट को अंग्रेजी में लाने तथा इनके बीच टॉगल करने के लिए छोटा सा कुंजीपट परिवर्तक औज़ार (कीबोर्ड स्विचर) होता है उसे तंत्र तश्तरी में चालू कर रखना होता है जिससे कार्य में आसानी रहे।

13.2 गनोम में कुंजीपट जोड़ना:-

उबुन्टु लिनक्स के डिफ़ॉल्ट चित्रमय वातावरण - गनोम वातावरण में आपको शीर्ष पर फलक मिलेगा जहाँ से अनुप्रयोगों को रख कर चलाया जा सकता है। आप यहाँ कुंजीपट परिवर्तक जोड़ सकते हैं जिसे बाद में क्लिक कर वांछित भाषा का चुनाव किया जा सकता है। इसके लिए फलक पर रिक्त स्थान पर दायाँ क्लिक करें तथा चुनें “पटल में जोड़ें”, फिर चयन विंडो पर चुनें “कुंजीपटल सूचक” और अंत में “Add” बटन पर क्लिक करें।

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आप देखेंगे कि एक बटन जिस पर “USA” लिखा है (या अन्य डिफ़ॉल्ट भाषा का नाम यदि वह सेट है, जैसे कि हिन्दी के लिए “Ind” ) प्रकट हो गया है। इसमें अतिरिक्त भाषा जोड़ने के लिए इसके ऊपर दायाँ क्लिक करें और चुनें “कुंजीपटल वरीयता”। उसके बाद “अभिन्यास” टैब को चुनें और फिर “एक ले आउट चुनें” विंडो में उपलब्ध कई देश/भाषाओं में से उपयुक्त भाषा को चुनें। उदाहरण के लिए, हिन्दी के लिए “हिन्दी” / “भारत” चुनें तथा एड बटन पर क्लिक करें।

अब भिन्न कुंजीपट में जाने के लिए- जैसे कि हिन्दी से अंग्रेजी या अंग्रेजी से हिन्दी, इस कुंजीपट परिवर्तक के प्रतीक के ऊपर क्लिक करें। यह टॉगल स्विच की तरह काम करता है। आप चाहें तो कई भाषा जोड़ सकते हैं और उनके आपसी समूह भी बना सकते हैं। इस काम के लिए कुंजीपट शॉर्टकट भी बना सकते हैं जो कि प्राय: आल्ट+शिफ़्ट होता है या आल्ट+कंट्रोल तथा किसी अन्य कुंजी पट का संयोजन होता है। कुंजीपट शॉर्टकट बनाने के लिए फलक के कुंजीपट परिवर्तक प्रतीक पर दायाँ क्लिक करें तथा चुनें “कुंजीपट वरीयताएं” फिर क्लिक करें “अभिन्यास विकल्प” बटन पर। अब “Group Shift Lock Behavior” को विस्तारित करें जो कि “उपलब्ध विकल्प” में है, तथा वहाँ से चुनें वह कुंजीपट संयोजन जो आपको लगता है कि आपके लिए उपयुक्त है। उदाहरण के लिए, भाषाई समूह के बीच टॉगल करने के लिए: बायाँ आल्ट+शिफ़्ट चुनें। अब “Add” बटन पर क्लिक करें। यहाँ से आप पहले से निर्धारित शॉर्टकट को बदल सकते हैं तथा एक ही काम के लिए कई तरह के शॉर्टकट भी दे सकते हैं।

टीप: कुंजीपट वरीयताओं के अंदर आप चाहें तो उपलब्ध कुंजी पट की स्थिति को ऊपर/नीचे बटन की सहायता से ऊपर नीचे कर सकते हैं। उदाहरण के लिए हाल ही में शामिल किए गए हिन्दी को आप सबसे ऊपर रख सकते हैं। इससे होगा यह कि जब भी कोई अनुप्रयोग चालू होगा तो उसका डिफ़ॉल्ट कुंजीपट हिन्दी होगा। हालाँकि बहुत से मायनों में इससे आपको असुविधा भी हो सकती है जैसे कि इंटरनेट इस्तेमाल करते समय जब भी कोई नया विंडो खुलेगा, कुंजीपट हिन्दी सेट होगा और उसमें अंग्रेजी में भरने के लिए आपको उसे वापस अंग्रेजी में सेट करना होगा। ऐसे में सलाह दी जाती है कि अंग्रेजी भाषा को ही शीर्ष पर रहने दें। वैसे भी टर्मिनल में कमांड अंग्रेजी में ही स्वीकारे जाते हैं चूँकि इनमें यूनिकोड हिन्दी समर्थन आने में तनिक देरी है (फ़ॉन्ट रेंडरिंग की समस्या अब भी है)।

13.3 केडीई में कुंजीपट जोड़ना:-

केडीई में अतिरिक्त कुंजीपट खाका जोड़ने के लिए स्टार्ट मेन्यू बटन पर क्लिक करें तथा “Control Center” पर क्लिक करें। कंट्रोल सेंटर के “Index” टैब में आपको बहुत सी प्राथमिकताएँ एवं सेटिंग्स मिलेंगी जिन्हें आप तय कर सकते हैं। यहाँ आप “Regional & Accessibility” के + चिह्न को क्लिक कर इसकी प्रविष्टि को फैलाएँ तथा “Keyboard Layout” पर क्लिक करें जो दाएँ फलक में दिखेगा। यहाँ “Enable Keyboard Layouts” को चुनें। आपको सभी उपलब्ध कुंजीपट खाका दिखाई देंगे। जिन अतिरिक्त भाषा कुंजीपट को चालू करना है, उन्हें चुनें, जैसे कि हिन्दी, गुजराती इत्यादि। फिर “Add >>” बटन पर क्लिक करें। अब कुंजीपट खाका को स्विच करने के लिए शॉर्टकट कुंजियों के लिए “Xkb Options” टैब पर क्लिक करें। अब चेक बक्सा “Enable Xkb Option” को चेक करें तथा “Group Shift / Lock behavior” विकल्प में से उपयुक्त का चयन करें, जैसे कि बायाँ आल्ट+शिफ़्ट कुंजी। अब Apply बटन पर क्लिक करें ताकि आपके द्वारा चुने गए विन्यास लागू हो सकें।

13.4 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स में डायलअप मोडेम से इंटरनेट कनेक्ट करना

इसके लिए आपको लिनक्स तंत्र का एक इंटेलिजेंट पीपीपी डायलर प्रोग्राम डबल्यूवीडायल का प्रयोग करना होगा. वैसे तो यह प्रोग्राम लिनक्स तंत्र के सात डिफ़ॉल्ट रूप में संस्थापित होता है, पर यदि यह संस्थापित नहीं है तो सुनिश्चित करें कि यह संस्थापित हो. प्रोग्रामों की संस्थापना की विधि इस किताब में अन्यत्र दिया गया है.

इसके बाद कमांड दें –

# wvdialconf /etc/wvdial.conf

आपके मोडेम को डबल्यूवीडायल प्रोग्राम द्वारा पता लगा लिया जाएगा. अब आपको इस फ़ाइल में उपयोक्ता नाम, पासवर्ड और फोन नंबर डालना पड़ेगा. इस फ़ाइल को जीएडिट प्रोग्राम के ज़रिए खोलें और डायलर डिफ़ॉल्ट खंड में कुछ इस तरह जानकारी भरें.

[Dialer Defaults]
Modem = /dev/ttyS1
Baud = 115200
Init1 = ATZ
Phone = 172226
Username = Your-USERNAME
Password = Your-PASSWORD

फ़ाइल को सहेजें और इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिए निम्न कमांड दें

# wvdial

13.5 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स में सीडी डीवीडी की ISO इमेज बनायें

लिनक्स की सबसे अच्छी बात ये है कि ये पहले से ही कई साफ़्टवेयरों से सुसज्जित आता है. विंडोज़ में अगर आपको CD/DVD की कोई ISO इमेज बनानी हो तो अलग से साफ़्टवेयर डालना पड़ेगा. पर लिनक्स में इसकी कोई जरूरत नही.
आइये देखें कि उबुन्टु लिनक्स में ISO इमेज कैसे बनाते हैं.
सबसे पहले "Computer" को "Places> Computer" से खोलें.
अब अपनी CD/DVD Drive के प्रतीक चिह्न पर राइट क्लिक करके "Copy Disc" चुनें।
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अब एक "Copy Disc" का डायलाग बाक्स खुलेगा. इसमें "Copy Disc To..." में "File Image" चुनें और "Write" बटन पर क्लिक कर दें।
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अब आपके पूछा जायेगा कि फ़ाइल कहां सुरक्षित करनी है. उस जगह का पता दें और हो गया।

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है ना बेहद आसान.

13.6 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स में बराहा स्थापित करें.

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उबुन्टु लिनक्स में लैंगवेज सपोर्ट इंस्टाल् करने के बाद भी हिंदी टायपिंग में दिक्कत आती है क्योंकि इसमें दो तरह से टाइप करने की सुविधा होती है इनस्क्रिप्ट और फ़ोनेटिक. फ़ोनेटिक में कुछ काम तो चल जाता है पर इसमें भी दिक्कत आती है. क्योंकि अगर 'अ' टाइप करना हो तो एफ़ दबाना पड़ता है. विंडोज् में कई हिन्दी प्रयोक्ता बराहा का प्रयोग करते हैं जिसमें विविध प्रकार के भारतीय भाषाई कुंजीपट हैं. लिनक्स में बराहा इंस्टॉल करना बेहद आसान है।
सबसे पहले बराहा मैप्स को यहां से डाउनलोड करें: http://oriya।sarovar.org/download/baraha-maps.zip
इस ज़िप फ़ाइल में आपको बहुत सी मिम फ़ाइले मिलेगी. इसमें से हिन्दी वाली (hi-baraha.mim)को एक्सट्रैक्ट कर लें और /usr/share/m17n पर कापी कर दें.
ध्यान रखें कि आपके कम्प्यूटर में SCIM तथा scim-m17n पैकेज इंस्टॉल होने चाहिये. इसके बाद ही hi-baraha.mim को कापी करें.
ऐसा हो सकता है कि ये फ़ाइल /usr/share/m17n पर कापी ना हो . अगर् ऐसा होता है तो रूट यूजर के रूप में लाग इन करें और कॉपी करें या फिर m17n फ़ोल्डर की परमीशन बदल दें.

बराहा संस्थापित करने की द्वितीय विधि

बराहा कुंजीपट, लिनक्स की विशेषता अनुसार, आप इसे कई तरीकों से कर सकते हैं. कुछ तरीकों की चर्चा हम करते हैं – आपको देखना होगा कि आपके लिए कौन सा तरीका उत्तम है. हो सकता है सभी को आजमा कर देखें और जो बेहतर काम करता हो उसे चुनें.

पहला तरीका – वाइन के ज़रिए.

वाइन के ज़रिए विंडोज़ के लिए जारी बराहा को आप लिनक्स पर भी सेटअप कर चला सकते हैं. अब यदि आप पूछने लगें कि वाइन क्या है, तो फिर आप यह खण्ड छोड़ कर आगे बढ़ सकते हैं.

तो, वाइन के ज़रिए बराहा इंस्टॉल करने के लिए बराहा का सेटअप फ़ाइल http://www.baraha.com/baraha.htm से डाउनलोड करें और उस डिरेक्ट्री में जाकर निम्न कमांड दें -

# wine baraha.exe

यहाँ, baraha.exe उस फ़ाइल का नाम होगा जो आपने डाउनलोड किया है, जो कि दूसरा भी हो सकता है, और आपको नए या पुराने बराहा में से चलाकर देखना पड़ सकता है कि कौन सा आपके लिए बढ़िया काम करता है. वर्तमान ताजा संस्करण है baraha70.exe. ध्यान रहे कि यदि आपने बराहा को जिप फ़ाइल के रूप में डाउनलोड किया है तो पहले उसे अनजिप कर लें.

सेटअप सही चलने पर वाइन मेन्यू में आपको बराहा का प्रतीक मिलेगा. उसे क्लिक करें, कुंजीपट चुनें और किसी भी लिनक्स अनुप्रयोग में हिन्दी में लिखें. है न आसान?

दूसरा तरीका – लिनक्स के लिए विशेष रुप से जारी बराहा को कम्पाइल कर इंस्टॉल करना. यह थोड़ा उन्नत तरीका है, है तो यह भी आसान, परंतु इसके लिए आपके तंत्र में लिनक्स डेवलपमेंट के लिए आवश्यक औज़ार संस्थापित होने चाहिएँ. कोशिश कर देखें

1 http://code.indlinux.net/projects/baraha-maps/ के डाउनलोड लिंक से बराहा का ताजातरीन संस्करण बराहा मैप्स

का टार फ़ाइल (जैसे कि  अभी नवीनतम फ़ाइल है

- baraha-maps-0.2.tar.gz) डाउनलोड
  कीजिए.


2 फिर उस संपीडित फ़ाइल को असंपीडित करने के लिए निम्न कमांड दें –



# tar xzf baraha-maps-0.2.tar.gz


3 उसके बाद नई असंपीडित डिरेक्ट्री में निम्न कमांड से जाएँ



# cd baraha-maps-0.2


 


4 फिर कमांड दें


# make


5 यदि कोई त्रुटि संदेश उत्पन्न नहीं होता है तो फिर यह कमांड दें –


# sudo make install


यदि आपको कोई त्रुटि संदेश नहीं मिलता है और सबकुछ बढ़िया चल जाता है तो फिर आपको बधाई!



बराहा फ़ाइलें अब स्किम में संस्थापित हो गई हैं. स्किम के सेटिंग में जाएँ और वहां से बराहा हिन्दी कुंजीपट चुनें और मजे से हिन्दी में काम करें.





13.7 लिनक्स टिप्स : लिनक्स का स्टार्ट मेन्यू बदलें : मिंट मेन्यू लगाएं


आप अपने उबुन्टु लिनक्स का डिफ़ॉल्ट स्टार्ट मेन्यू बदल सकते हैं. एक बढ़िया मेन्यू है मिंट मेन्यू. डाउनलोड लिंक है: http://www.linuxmint.com/repository/daryna/mintmenu_2.8_i386.deb

डेबियन पैकेज होने से इसे उबुन्टु में इंस्टॉल करने में आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। बस क्लिक करें और यह संस्थापित हो जाएगा।


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मिंट मीनू के फीचर्स :


ये कुछ कुछ विंडोज़ विस्टा के स्टार्ट मीनू जैसा है। जैसे कि आपको अपने प्रोग्राम्स तक पहुँचने के लिए सब मीनू नहीं खोलने पड़ते हैं। आप अपने पसंदीदा प्रोग्राम्स को फेवरिट में रख सकते हैं। अगर ज़्यादा प्रोग्राम्स हैं तो आप उनका केवल नाम लिखकर सर्च भी कर सकते हैं। और हाँ आप इसका नाम भी बदल सकते हैं।


इंस्टॉल करना और लगाना


जैसा कि आपको पहले बताया गया है कि ये एक डेबियन पैकेज है तो आपको इसे इंस्टॉल करने के लिए इसकी फ़ाइल को डाउनलोड कर उस पर केवल एक क्लिक करना होगा। एक बार जब ये इंस्टॉल हो जाये हो अपने किसी पैनल में राइट क्लिक करके एड टू पैनल चुने। मिंट मीनू आपको यूटिलिटी ग्रुप के अंतर्गत मिलेगा, उसे क्लिक करके चुनें।


और, बस ये लागू हो गया।


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मिंट मीनू का नाम बदलना।

ये बहुत ही आसान है। बस मीनू के बटन पर राइट क्लिक कीजिए और प्रेफरेंस चुनिए। अब एप्लेट टेक्स्ट की वैल्यू को अपने मनपसंद शब्द से भर दीजिए। जैसे "प्रारंभ"।


13.8 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु रिस्ट्रिक्टेड एक्स्ट्रा पैकेजेस संस्थापित करें


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उबुन्टु लिनक्स का पूरा आनंद लेने के लिए आपको उसमे उबुन्टु रिस्ट्रिक्टेड एक्स्ट्रा डालने होंगे। ये वो साफ्टवेयर होते हैं जो एक मल्टीमीडिया सिस्टम के लिए बेहद आवश्यक होते हैं, पर कापीराइट तथा अन्य क़ानूनी झंझटों से बचने के उपायों के कारण उबुन्टु के साथ नहीं दिए जाते। उदाहरण के लिए यदि आप एम्पी३ फाइलों को प्ले करना चाहते हैं तो आपको ये पैकेज डालना होगा। उबुन्टु में एक ही क्लिक में इन्हें इंस्टॉल करने की सुविधा प्रदान है।

उबुन्टु रिस्ट्रिक्टेड एक्स्ट्रा को डालने के लिए आपको एप्लिकेशन मेन्यू में "एड रिमूव" विकल्प चुनिए।


अब सर्च बॉक्स में Restricted टाइप कीजिए और इंटर बटन दबाइए। ध्यान रहे कि सर्च बॉक्स के दाई तरफ वाले बॉक्स में "All Available Application" चुना गया हो अन्यथा आपको "उबुन्टु रिस्ट्रिक्टेड एक्स्ट्रा" नहीं दिखाई देगा।


उबुन्टु रिस्ट्रिक्टेड एक्स्ट्रा चुनें और अप्लाई बटन पर क्लिक कर दें। अब उबुन्टु इंटरनेट से इन पैकेजों को डाउनलोड कर इंस्टॉल कर देगा। इसमें थोडा समय लगेगा अतः धैर्य रखें। उबुन्टु रिस्ट्रिक्टेड एक्स्ट्रा के साथ निम्नलिखित चीज़ें इंस्टॉल होती हैं।


# flashplugin-nonfree


# gstreamer0.10-plugins-ugly


# gstreamer0.10-plugins-ugly-multiverse


# msttcorefonts


# sun-java5-jre


# sun-java5-plugin



13.9 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स में लाग इन विंडो से रूट लाग इन लागू करना.


लगभग सभी लिनक्स वितरण डिफाल्ट रूप से लाग इन विंडो से रूट एक्सेस की सुविधा देते हैं लेकिन उबुन्टु लिनक्स में ऐसा नहीं होता है। आपको रूट एक्सेस ख़ुद सक्षम करना पड़ता है।

लाग इन विंडो से रूट एक्सेस की जरूरत कब पड़ती है?


सामान्य अवस्था में रूट लाग इन विंडो से सक्षम करने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन कभी कभी जब आप कुछ विशेष तंत्र आधारित कार्य करने की सोचते हैं जैसे कि वेब सर्वर लगना तो आपको www फोल्डर में फाइलें कापी करनी पड़ सकती हैं और इस फोल्डर में लिखने की अनुमति केवल रूट प्रयोक्ता को होती है। इस अनुमति को बदलने के लिए आपको रूट प्रयोक्ता की तरह लाग इन करना पड़ता है।



आइये देखते हैं इसे कैसे करें :


सबसे पहले अपने यूजर नेम और पासवर्ड से लाग इन करें। अब टर्मिनल खोलें:


इसमें टाइप करें:


sudo -s


ऐसा करने पर आपसे पासवर्ड माँगा जाएगा उसे भरें। और आप रूट यूजर की तरह लाग इन हो जायेंगे।


अब इस लोकेशन में जाएं etc/gdm/


यहाँ gdm.conf फाइल खोलें।


इसमें कुछ ऐसा खोजें :


AllowRoot=false


अब false को true में बदल दें।


फाइल को सहेजें और सिस्टम को दोबारा शुरू करें।


अब लागिन विंडो से आप रूट यूजर के रूप में लाग इन कर सकेंगे।



13.10 लिनक्स टिप्स : लिनक्स में वर्चुअल ड्राइव बनायें एसीटोन आईएसओ से


लिनक्स में कमांड लाइन तरीके हैं जिससे आप किसी डिस्क इमेज को वर्चुअल ड्राइव बनाकर माउंट कर सकते हैं. पर एक सामान्य उपयोगकर्ता कुछ आसान तरीका चाहता है. तो उत्तर है,"एसीटोन आई एस ओ".



एसीटोन आई एस ओ ना केवल वर्चुअल ड्राउव बनाकर डिस्क इमेज माउंट करता है बल्कि ये सीडी/डीवीडी से डिस्क इमेज बना भी सकता है. एसीटोन विंडोज़ के विभिन्न प्रापराइटरी डिस्क इमेज फ़ार्मेट्स आदि को भी माउंट कर सकता है.



इसके द्वारा आप डिस्क इमेज को बना, तोड़ और कंप्रेस भी कर सकते हैं. मजेदार बात पता है क्या? इसके द्वारा आप यू ट्यूब के वीडियोज को डाउनलोड कर सकते हैं और उन्हे एवीआई में कंवर्ट भी कर सकते हैं.



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डाउनलोड का पता है: http://www.acetoneiso.netsons.org/



13.11 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स को बनायें विंडोज़ एक्स पी जैसा


लिनक्स के लिए एक स्क्रिप्ट बनाया गया है जिसे चलाने पर यह आपके लिनक्स का रूप रंग (थीम आदि) बदलकर विंडोज़ एक्स पी जैसा कर देता है. इसमें गड़बड़ केवल ये है कि इसमें अनइंस्टॉल का विकल्प नहीं है. पर, जो विंडोज़ में काम करने के आदी हैं, यह थीम उनके लिए बेहद काम का है – लिनक्स उन्हें विंडोज़ जैसा ही लगेगा.

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इस स्क्रिप्ट को यहाँ से डाउनलोड करें:


http://ubuntu.online02.com/node/14





13.12 लिनक्स टिप्स : अपना बूट मीनू संपादित करें स्टार्ट अप मैनेजर से


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लिनक्स में सामान्यत: जब कभी बूट मीनू में कोई बदलाव करना होता है तो हमें menu.lst फ़ाइल को संपादित करना पड़ता है. ये काम काफ़ी थोड़ा मुश्किल होता है और ये भी संभावना रहती है कि आप अपने सिस्टम को खराब ना कर दें.


स्टार्ट अप मैनेजर नाम का एक औज़ार इस काम को करने का आपको एक आसान, सुरक्षित और ग्राफ़िकल तरीका देती है.


इसे आप


sudo apt-get install startupmanager


कमांड देकर इंस्टॉल कर सकते हैं.


इंस्टॉलेशन के बाद System>Administration >Startup Manager में जायें और बूट मीनू का संपादन शुरू कर दें.



13.13 लिनक्स टिप्स : वेबमिन: सर्वर कान्फ़िगर करने का बेहतरीन जी यूं आई.


एपाचे वेब सर्वर को कान्फ़िगर करने, उसकी सेटिंग्स बदलने के लिए उसकी कान्फिगरेशन फाइल में बदलाव करना पड़ता है। जो सबके लिए आसान नहीं होता और गलतियाँ होने की भी संभावनाएं रहती हैं। इसका हल है वेबमिन।

वेबमिन वेब ब्राउजर बेस्ड सर्वर कान्फिगरेशन औज़ार है जो न केवल अपाचे को बल्कि ढेर सारे अन्य सर्वर जैसे कि डाटाबेस सर्वर, मेल सर्वर, ऍफ़ टी पी सर्वर और एप्लिकेशन सर्वर्स को भी हैंडल कर सकता है।


वैसे तो वेबमिन को मुख्य रूप से ये लिनक्स के लिए उपलब्ध है पर विन्डोज़ वाला पैकेज भी उपलब्ध कराया गया है। लिनक्स के लिए आर पी एम् और डेब दोनों ही प्रकार के पॅकेजों में यह उपलब्ध है।


वेबमिन को संस्थापित करने के बाद इसको चालू करने के लिए ब्राउजर में यह पता टाइप करें : https://localhost:10000/


लाग इन पेज में अपना उबुन्टु का यूजर नेम और पासवर्ड डालिए। वेबमिन आपकी सेवा के लिए हाजिर है।


कुछ ध्यान देने योग्य बातें:




  1. वेबमिन का सर्वर अलग प्रोसेस के द्वारा चलता है। यानी कि ये आपके अपाचे सर्वर से बिल्कुल अलग चलता है। अगर आपने अपाचे को बंद कर दिया है तो भी वेबमिन चलता रहेगा।


  2. वेबमिन इंस्टॉल करने के पहले अगर एपाचे, माई एस क्यू एल और पी एच पी इंस्टॉल है तो बेहतर रहेगा।


  3. वेबमिन की डिफाल्ट थीम बहुत बहुत साधारण दिखती है. अतः सलाह है कि कोई अच्छी सी थीम इंस्टॉल कर लें।


  4. एक बढ़िया थीम यह है : http://www.stress-free.co.nz/webmin-theme/


  5. वेबमिन को यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं http://www.webmin.com/ या फिर apt-get install webmin कमांड के ज़रिए भी इसे अपने उबुन्टु लिनक्स पर संस्थापित कर सकते हैं.



वेबमिन के स्क्रीन शॉट्स (ये सभी विशिष्ट थीम के साथ हैं। डिफाल्ट थीम अलग तरह से दिखती है )

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वेबमिन से आप सर्वर्स को तो कान्फ़िगर कर ही सकते हैं इसके अलावा भी बहुत सारे अन्य काम भी कर सकते हैं जैसे कि साफ्टवेयरों को इंस्टॉल अन इंस्टॉल करना, स्टार्ट अप के प्रोग्राम्स को प्रबंधित करना, कमांड शेड्यूल करना, फायर वाल की सेटिंग्स बदलना, नेटवर्क सेटिंग्स बदलना, हार्ड डिस्क में विभाजन करना आदि। इतने ज़्यादा विकल्प इस प्रोग्राम में हैं की अगर लिखें तो एक किताब बन जायेगी। इस प्रोग्राम से आप ब्राउजर के भीतर से ही कम्पयूटर को बंद भी कर सकते हैं।


इसे वेब बेस्ड इंटरफेस देने का एक फ़ायदा है। आप दूर से भी अपने सर्वर को स्टार्ट, स्टाप, रिस्टार्ट आदि कर सकते हैं।


वेबमिन एक तरह से आल इन वन पॅकेज है। अगर आप लिनक्स उपयोग करते हैं तो इसे जरूर आजमाइये। यह औज़ार भी मुक्त व मुफ़्त है।



13.14 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु में स्टार्ट अप के प्रोग्राम्स मैनेज करना


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जिस तरह विन्डोज़ में हम स्टार्ट अप के प्रोग्राम्स और सर्विसेस को msconfig से मैनेज करते हैं उसी तरह उबुन्टु में भी एक सुविधा है। इसे आप


system > administrative tools> services


में पा सकते हैं। ये बॉक्स हमेशा तालाबंद रहता है। अत: अन-लाक बटन पर क्लिक करें और पासवर्ड डालें। फ़िर जिस प्रोसेस को इनेबल करना हो उसे एनेबल कर सकते हैं और जिसे डिसेबल करना हो उसे उसे डिसेबल।


ये तो हुई सर्विसेस की बात।


अब बात करते हैं स्टार्ट अप के प्रोग्राम्स की। इसके लिए आपको


system > preference > sessions में जाना होगा।


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यहाँ पर आप किसी प्रोग्राम को स्टार्ट अप से जोड़ और हटा सकते हैं।


नए प्रोग्राम जोड़ते समय ये आपसे प्रोग्राम के कमांड के बारे में पूछेगा। विन्डोज़ में तो हम exe फाइल का पता दे देते हैं पर उबुन्टु में ऐसा नहीं है। लिनक्स में हमें कमांड देना होता है। ये कुछ कठिन नहीं होता है। अगर कमांड समझ में ना आ रहा हो तो किसी पैनल के आइकन में राइट क्लिक करके properties देखें आपको कमांड मिल जायेगा।



13.15 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु मशीन को सर्वर बनाना


आइए देखें कि उबुन्टु लिनक्स डेस्कटॉप मशीन को सर्वर आसानी से कैसे बनाया जाता है।

एक बेसिक सर्वर के लिए हमें निम्नलिखित चीज़ों की आवश्यकता होगी।




  • Apache HTTP Server


  • MySQL Database Server


  • PHP



तथा वैकल्पिक अनुप्रयोग:




  • phpMyAdmin


  • Webmin


  • Webmin Skins



सबसे ऊपर के 3 अनुप्रयोग को आप सिनैप्टिक पॅकेज मैनेजर से इंस्टॉल कर सकते हैं

नीचे दिए स्क्रीनशोट्स में आप देख सकते हैं कि आपको कौन कौन से पॅकेज इंस्टॉल करने होंगे।


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इसमे मुख्य हैं


apache2, mysql-server,php5,php5-gd,php5-mysql


इन्हें चुनने के बाद एप्लाई बटन पर क्लिक करें। करीब ४० एम् बी डाउनलोड करना पड़ेगा।


इंस्टॉलेशन के दौरान आपसे mysql server का पासवर्ड सेट करने को कहा जायेगा। उसे दो बार भरना पड़ता है।


जब इंस्टॉलेशन पूरा हो जाए तो ब्राउजर खोलें और उसमे टाइप करें http://localhost/


अगर आपको ऐसा कुछ दिखे तो समझिये कि आपका बड़ा काम तो हो गया।


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आपके कम्प्यूटर पर सर्वर की रूट डाइरेक्ट्री /var/www/ होती है।


it works वाला html पेज भी यहीं पर होता है। पर गड़बड़ ये है कि इसमें केवल रूट यूजर का अधिकार होता है।


हालाँकि इसके अधिकार को बदला जा सकता है। पर क्यूँ ना अधिकार बदलने की बजाये रूट फोल्डर का पथ ही बदल दिया जाए। सामान्यतः ऐसा करने के लिए एपाचे की कानफिगरेशन फाइल को खोल कर उसमे बदलाव करना पड़ता है। पर यह एक सामान्य उपयोगकर्ता के लिए आसान नहीं होगा।


इसके लिए वेबमिन इंस्टॉल करने की अनुशंसा की जाती है।


वेबमिन का डेबियन पॅकेज www.webmin.com से प्राप्त किया जा सकता है।



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इसे इंस्टॉल करना बेहद आसान है। बस पॅकेज में डबल क्लिक कीजिये और यह संस्थापित हो जाएगा।


इंस्टॉलेशन के बाद अपने ब्राउजर पर यह टाइप करें: https://localhost:10000/


अगर कोई सुरक्षा चेतावनी आए तो उस पर ध्यान मत दीजिये और आगे बढ़िए।


अब आपको लागिन आई डी और पासवर्ड डालने को कहा जाएगा। यहाँ पर आप अपना उबुन्टु का यूजर नेम और पासवर्ड डालें।


स्वागत है आपका वेबमिन में।


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पर ये वेबमिन उतना ख़ास नहीं लगता है जितना लगना चाहिए। इसके लिए एक धाँसू थीम उपलब्ध है। इसे आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं:


http://www.stress-free.co.nz/webmin-theme?page=२


अब वेबमिन इंटरफेस में webmin >webmin configuration > Webmin Themes पर जाएँ। यहाँ इंस्टॉल थीम पर क्लिक करके ब्राउज करें और थीम फाइल चुन लें। और इंस्टॉल थीम पर क्लिक करें.


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अब चेंज थीम टैब पर जाकर स्ट्रेस फ्री थीम चुन लें.


अब आपका वेबमिन बढ़िया लगने लगेगा।


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इसमे सर्वर मीनू पर जाकर अपाचे वेब सर्वर पर क्लिक करें।


existing virtual webhost के अंतर्गत वर्चुअल सर्वर पर क्लिक करें. नीचे स्क्राल करें। आपको कुछ ऐसा दिखाई देगा।


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यहाँ डाक्यूमेंट रूट को /var/www/ को मनचाहे फोल्डर पाथ में बदल दें ।


फ़िर सेव में क्लिक करें और फ़िर अप्लाई चेंजेस में क्लिक करें।


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वेबमिन में एक ख़ास बात ये है कि आप इससे अपने mysql डाटाबेसों को भी प्रबंधित कर सकते हैं। आप उनका बैकअप ले सकते हैं। टेबल बना सकते हैं और उनमें डाटा भी भर सकते हैं। यानी किसी अन्य डाटाबेस जी यू आई की जरूरत नहीं पड़ती है। हालाँकि आप अगर पी एच पी माय एडमिन का प्रयोग करने में अभ्यस्त हैं या उसे इंस्टॉल करना चाहते हैं तो वो भी किया जा सकता है।



13.16 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स में फोटोशाप इंस्टॉल करें


उबुन्टु में गिम्प साफ़्टवेयर तो होता है पर इसका इंटरफेस ऐसा है कि फोटोशाप में काम कराने वालों को पसीना आ जाये। ठीक है अगर आप फोटोशाप को उबुन्टु में इंस्टॉल करना चाहते हैं तो ये भी संभव है। फोटोशाप का सातवां संस्करण (नए संस्करण उतने अच्छे नहीं चल पाते) उबुन्टु में आसानी से इंस्टॉल हो जाता है और चलता भी अच्छे से है।

फोटोशाप इंस्टॉल करने के लिए आपको सबसे पहले वाइन इंस्टॉल करना पडेगा। पहले के अध्याय – लिनक्स में माइक्रोसॉफ़्ट के प्रोग्राम चलाएँ में वाइन की संस्थापना के बारे में विवरण दिया जा चुका है. वाइन एक ऐसा साफ्टवेयर है जो कि लिनक्स में चलता है और उसमे एक नकली C:\ Drive और विन्डोज़ की रजिस्ट्री बना देता है। वाइन साफ़्टवेयर के द्वारा बहुत से विन्डोज़ के प्रोग्रामों को लिनक्स में चला सकते हैं। इसे इंस्टॉल करने के लिए सिनैप्टिक पॅकेज मैनेजर का प्रयोग करें।


सबसे पहले फोटोशाप ७ की सीडी को अपने कम्प्यूटर में डालिये।


अब वाइन का फ़ाइल ब्राउजर शुरू कीजिये। इसके लिए आपको ऍप्लिकेशन> एसेसरीज >वाइन फ़ाइल में जाना होगा।


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अपनी सेट अप फ़ाइल को डबल क्लिक कर रन कीजिये। अब इन्सटालेशन शुरू हो जायेगा अब जैसा आप विन्डोज़ में इसे इंस्टॉल करते हैं उसी तरह उबुन्टु में भी कीजिये।


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इंस्टॉलेशन पूरा होने के बाद फोटोशाप एप्लीकेशन > वाइन > प्रोग्राम्स > फोटोशाप में दिखाई देगा


अब उबुन्टु में फोटोशाप का आनंद लें


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13.17 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स में RAR फाइलों को कैसे खोलें ?


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उबुन्टु लिनक्स में कम्प्रेस्ड फाइलों को खोलने के लिए Archive Manager नाम की यूटीलिटी होती है। पर ये रार फाइलों को खोल नहीं पाती है। रार फाइलों को खोलने के लिए आपको अन रार को स्थापित करना पडेगा. इसके लिए Sinaptic Package Manager को खोलें.


एक बार रीलोड में क्लिक कर दे. इससे पूरा डाटा अद्यतन हो जायेगा. अब सर्च बटन में क्लिक करके unrar को खोजें. आपको अनरार और अन रार फ्री दिखाई देंगे. दोनो को ही चुने और Apply में क्लिक कर दे. एक बार इंस्टॉलेशन पूरा हो जाने के बाद आप Archive Manager से रार फाइलों का उपयोग कर पायेंगे.



13.18 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स के लिए बेहतरीन साफ्टवेयर -1


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डाउनलोडर फार एक्स


विन्डोज़ में तो आप बड़ी फाइलों को इंटरनेट से बेहतर तरीके से डाउनलोड करने के लिए डाउनलोड मैनेजरों का प्रयोग किया जाता है। लिनक्स के लिए डाउनलोड मैनेजर डाउनलोडर फार एक्स। इसमें आप डाउनलोडिंग स्पीड चुन सकते हैं। डाउनलोड हो रही फाइलों को रोक सकते हैं फिर शुरू कर सकते हैं। यानी कि एक अच्छे डाउन लोड मैनेजर की सारी खूबियां वो भी मुफ़्त।


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स्क्रिबस से करें डेस्कटाप पब्लिशिंग


स्क्रिबस विन्डोज़, मैक ओ एस और लिनक्स तीनों के लिए उपलब्ध है। इसके द्वारा आप पेशेवराना काम कर सकते हैं। इसे आप अडोबी इन डिजाइन , पेजमेकर, क्वार्क एक्सप्रेस का मुफ़्त विकल्प मान सकते हैं। इसके द्वारा आप PDF प्रस्तुतीकरण और फार्म भी बना सकते हैं।


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एक्स एम् एम् एस


इसे हम लिनक्स का विनएम्प भी कह सकते हैं । ये एम् पी ई जी १२३ लाइब्रेरी पर आधारित प्रोग्राम है जो कि एम् पी ३ फाइलों को प्ले कर सकता है। ये स्किन्स को सपोर्ट करता है जिसके द्वारा आप इसे और भी सुन्दर बना सकते हैं। इसके अलावा इसमें प्लगइन्स को इन्स्टाल कर इसमें और भी सुविधाएं जोड़ी जा सकती हैं।


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इनक्स्केप


इनक्स्केप एक ताकतवर वेक्टर ग्राफिक डिजाइनिंग का प्रोग्राम है। ये वही काम करता है जो कि कोरल ड्रा जैसे प्रोग्राम करते हैं। ये विन्डोज़, मैक और लिनक्स तीनो के लिए ही फ्री में उपलब्ध है। यह उन्नत प्रोग्राम आपकी हर जरूरत को पूरा कर सकता है। ये फाइलों को एस डब्लू जी फॉर्मेट में सेव करता है। इसमें बनाईं गई ड्राइंग को आप JPG, BMP, TIFF, PNG आदि फार्मेट में सेव कर सकते हैं।


इन साफ्टवेयरों को आप उबुन्टु के सिनैप्टिक पॅकेज मैनेजर से आसानी से इन्स्टाल कर सकते हैं। अगर कोई साफ़्टवेयर ना दिखाई दे तो एक बार मैनेजर को रीलोड कर दें।



इन सभी प्रोग्रामों को आप उबुन्टु पैकेज मैनेजर के ज़रिए भी संस्थापित कर सकते हैं.



13.19 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स में गूगल लिनक्स रिपोसिटरीस को कैसे जोड़ें?


गूगल साफ्टवेयर रिपोसिटरीज़ के द्वारा हम गूगल लिनक्स साफ्टवेयरों को लिनक्स में आसानी से इन्स्टाल कर सकते हैं। आइये देखें इसे कैसे करें?

सर्वप्रथम पॅकेज साइनिंग कुंजी को https://dl-ssl.google.com/linux/linux_signing_key.pub से डाउनलोड करें ।


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सिस्टम > एडमिनिस्ट्रेशन > साफ्टवेयर सोर्सेस में जाएँ।

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साफ्टवेयर सोर्सेस की विंडो में Authentication टैब में जाएँ।

अब इंपोर्ट की फ़ाइल में क्लिक करें और जो साइनिंग कुंजी डाउनलोड किया गया है उसे चुनें।


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अब थर्ड पार्टी साफ्टवेयर टैब में क्लिक करें। इसमे एड बटन में क्लिक करें। इससे एक डायलाग बाक्स आएगा।


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डायलाग बाक्स में ये लाईन पेस्ट करें:


deb http://dl.google.com/linux/deb/ stable non-free


और एड सोर्स में क्लिक करें।


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अब आप क्लोज में क्लिक करें। अब आपको एक और डायलाग बाक्स मिलेगा जो कि आपसे पूछेगा कि उपलब्ध साफ्टवेयर आउट आफ डेट हो गए हैं तो क्या इसे दुबारा लोड किया जाये। इसमे रीलोड में क्लिक करें। अब आप पैकेज मैनेजर से गूगल के अनुप्रयोग और प्रोग्राम संस्थापित कर सकते हैं.



13.20 लिनक्स टिप्स : उबुन्टु लिनक्स के लिए गूगल के काम के साफ्टवेयर


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गूगल डेस्कटॉप


गूगल का डेस्कटॉप सर्च वाला साफ्टवेयर लिनक्स के लिए भी उपलब्ध है। हालाँकि लिनक्स संस्करण में साइड बार को नहीं जोड़ा गया है पर फिर भी ये अपना मुख्य काम (फाइलों की खोज बीन) वो तो करता है। गूगल की सर्च टेक्नोलाजी से तो सभी परिचित हैं तो आप समझ ही सकते हैं कि लिनक्स एनवायरमेंट में खोज बीन इससे काफी आसान हो जाती है।


गूगल डेस्कटॉप को आप सिनैप्टिक पॅकेज मैनेजर से तो इंस्टॉल कर ही सकते हैं पर अगर आप इसे अलग से डाउनलोड करना चाहें तो इसका डेब और आर पी एम् पॅकेज http://desktop.google.com/en/linux/download.html पर उपलब्ध है।


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गूगल पिकासा


पिकासा के द्वारा आप अपने कम्प्यूटर में रखे चित्रों और फोटो को व्यवस्थित कर सकते हैं और जब चाहें उन्हें ढूँढ सकते हैं। ये साफ्टवेयर आपको फोटो एडिटिंग की भी सुविधा देता है। आप अपने चित्रों को इन्टरनेट पर साझा भी कर सकते हैं। गूगल पिकासा को भी आप सिनैप्टिक पॅकेज मैनेजर से इंस्टॉल कर सकते हैं पर इसके डेब और आर पी एम् पॅकेज भी आप डाउनलोड कर सकते हैं। इन्हें आप http://picasa.google.com/linux/download.html से डाउनलोड कर सकते हैं।


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गूगल अर्थ


विन्डोज़ में चलने वाला आपका प्रिय साफ्टवेयर गूगल अर्थ अब लिनक्स में भी उपलब्ध है। अब तो इसमे आकाश में झांकने की भी सुविधा दे दीं गई है। इसकी बिन फ़ाइल को आप यहाँ से http://earth.google.com/download-earth.html डाउनलोड कर सकते हैं।


अगर आप सिनैप्टिक पॅकेज मैनेजर का प्रयोग करते हैं तो अगर गूगल के साफ्टवेयर हो सकता है कि उसमे दिखाई ना दें। इसके लिए आपको गूगल साफ्टवेयर रिपोसिट्रीस को जोड़ना होगा. इसकी विधि इसी पुस्तक में अन्यत्र दी गई है.


गूगल अर्थ की बिन फ़ाइल को इंस्टॉल करने की विधि


टर्मिनल विंडो को खोलें। इसके लिए Accessories > Terminal में जाएँ।


जिस बिन फ़ाइल को आपने डाउनलोड किया है वह जिस डायरेक्टरी में है उस डायरेक्टरी में जाएँ। इसके लिए आपको ये कमांड देना होगा अगर वो फ़ाइल डेस्कटाप पर है


cd /home/yourname/Desktop


अब ये कमांड दें।


sh GoogleEarthLinux.bin


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<<< इसके बाद आपको ये विंडो दिखाई देगी।

आप चाहें तो इंस्टॉलेशन पाथ बदल भी सकते हैं या फिर उसे वैसे ही रहने दें और Begin Install बटन पर क्लिक कर दें।


अगर कोई एरर नहीं आती है और सब कुछ ठीक ठाक हो जाता है तो बधाई हो गूगल अर्थ इंस्टॉल हो गया।


वैसे तो इंस्टॉल होने के बाद ये डेस्कटॉप पर अपना एक प्रतीक चिह्न बनाता है पर अगर किसी कारण से ये मिट जाये तो इसे शुरू करने के लिए उस डायरेक्टरी में जाएँ जिसमे आपने उसे इंस्टॉल किया है डिफाल्ट में home\yourname\google-earth होता है। यहाँ गूगल अर्थ के प्रतीक चिह्न पर क्लिक करें और मजा लें गूगल अर्थ का लिनक्स पर।



13.21 लिनक्स टिप्स : हिन्दी / मराठी का पाठ से वार्ता (टैक्स्ट टू स्पीच प्रोग्राम) प्रोग्राम कैसे चलाएँ

जनभारती का हिन्दी व मराठी के लिए पाठ-से-वाचन प्रोग्राम लिनक्स तंत्र के लिए पहले से उपलब्ध फ़ेस्टिवल नाम के पाठ-से-वार्ता नाम के स्पीच इंजिन के एक्सटेंशन के रूप में काम करता है. इसका अर्थ है कि इसका इस्तेमाल करने के लिए आपके लिनक्स तंत्र में पहले से ही http://www.cstr.ed.ac.uk/projects/festival/download.html संस्थापित होना आवश्यक है. फ़ेस्टिवल एक क्रास प्लेटफ़ॉर्म स्पीच सिंथेसाइजर है जिसे विंडोज़, लिनक्स, मॅक, बीएसडी, सन-स्पार्क इत्यादि सभी में इस्तेमाल किया जा सकता है.



जाहिर है, आपके लिनक्स तंत्र में यदि फ़ेस्टिवल संस्थापित नहीं है तो पहले उसे संस्थापित करें. प्रोग्राम संस्थापनाओं की जानकारी पहले के अध्यायों में देखें.



हिन्दी फ़ेस्टिवल यहाँ से डाउनलोड कर संस्थापित करें:



http://janabhaaratii.org.in:9673/indicbhaaratii/Members/Priti_Patil/festival-hi-0-1-tar.gz



मराठी भाषा का पैक यहाँ पर है:



http://janabhaaratii.org.in:9673/indicbhaaratii/Members/Priti_Patil/festival-hi-0-1-tar.gz



हिन्दी पैक की संस्थापना आसान है. बस आपको इस पैक को अ-संपीडित कर इसमें समाहित install.sh स्क्रिप्ट को चलाना है. बस.



हाँ, हिन्दी पाठ से वार्ता प्रोग्राम को चलाना थोड़ा कठिनाई भरा होगा यदि आपने फ़ेस्ट्वल के लिए कोई ग्राफ़िकल फ्रंटएण्ड संस्थापित नहीं किया है. हिन्दी पाठ-से-वार्ता प्रोग्राम तीन चरणों में प्रारंभ होगा-



1 टर्मिनल पर फ़ेस्टिवल प्रारंभ करें



2 फ़ेस्टिवल कमांड प्राम्प्ट पर हिन्दी वार्ता सक्षम करने के लिए कमांड दें



3 किस हिन्दी पाठ फ़ाइल को पढ़ना है उसके लिए कमांड दें



कमाण्ड सिण्टेक्स निम्नानुसार होगा:



$ festival



festival> (voice_hindi_NSK_diphone)



festival> (tts "/home/sample.txt" nil)



यहाँ पर /home/sample.txt यूनिकोड हिन्दी पाठ फ़ाइल का पथ है, जिसे कि पढ़ा जाना है.



प्रोग्राम मशीनी आवाज में हिन्दी पढ़ता है तथा अगर आप अपने पाठ में उचित स्थल पर स्पेस या विराम चिह्न नहीं लगाते हैं तो यह पाठ को एक लय व गति में लगातार पढ़ता जाता है जो कि अजीब लगता है, व समझ में भी नहीं आता. इसके विपरीत विंडोज़ का वाचक प्रोग्राम ज़्यादा अच्छा है, व उसकी आवाज भी मशीनी नहीं लगती. साथ ही यह कुछ शब्दों को जिनको यह पढ़ नहीं पाता, छोड़ देता है. फिर भी, चूंकि यह अभी अपने अल्फ़ा अवतरण में है, इन्हें नज़र अंदाज किया जा सकता है, और भविष्य में इसके एक बढ़िया सुघड़ हिन्दी स्पीच इंजिन के रूप में विकसित होने की पूरी आशा रखी जा सकती है.



13.22 लिनक्स टिप्स: रिलायंस / टाटा इंडिकॉम / बीएसएनएल सीडीएमए फ़ोनों के ज़रिए लिनक्स में इंटरनेट कनेक्ट कैसे करें?


निम्न चरण आजमाएं



1



टर्मिनल खोलें व निम्न कमांड दें –



# dmesg | grep ttyACM



यदि आपको कुछ आउटपुट मिलता है तो ठीक है, वरना आपका कर्नेल पुराना है और उसमें सीडीएमए से इंटरनेट कनेक्शन की अंतर्निर्मित सुविधा (मॉड्यूल) नहीं है. इसका सीधा सा अर्थ है कि आपको अपना लिनक्स अद्यतन करना होगा.



2



अब आप रूट उपयोक्ता के रूप में निम्न कमांड दें.



# ln –s /dev/ttyACM0 /dev/mobile



ध्यान दें कि ACM0 में 0 शून्य अंक है, अक्षर O नहीं.



3



रूट उपयोक्ता के रूप में ही तीसरा कमांड दें :



# chmod a+rw /dev/mobile



4



अब आप जीएडिट को रूट उपयोक्ता के रूप में खोलें और नीचे दिए गए कोड को कॉपी पेस्ट कर इसे mobiles.rules फ़ाइल के रूप में /etc/udev/rules.d फ़ोल्डर में सहेजें.



Content: BUS=="usb" SYSFS{product}=="Qualcomm CDMA Technologies MSM*" KERNEL=="ttyACM*" SYMLINK=="mobile" MODE=="666"



अब आप केपीपीपी (संस्थापित नहीं है तो पहले संस्थापित कर लें) चालू करें. इसके Configure बटन पर क्लिक कर नया पर क्लिक करें. फोन नंबर #777 होगा तथा उपयोक्ता नाम व पासवर्ड आपके मोबाइल फोन का नंबर होगा. अब आपको मोडेम निर्दिष्ट करना होगा. इसके लिए Modem टैब पर क्लिक करें तथा नया पर क्लिक करें फिर वहां ड्रापडाउन मेन्यू से चुनें /dev/ttyACM0 को अपना मोडेम के रूप में चुनें तथा OK पर क्लिक करें.



अब आप अपने नए कनेक्शन से केपीपीपी के ज़रिए सीडीएमए मोबाइल फ़ोनों (या सीडीएमए डाटा कार्ड – ईवीडीओ कार्ड से) इंटरनेट कनेक्ट हो सकते हैं. ध्यान दें - टाटा इंडिकॉम में उपयोक्ता नाम व पासवर्ड दोनों internet होगा.



13.23 लिनक्स टिप्स : लिनक्स में टैली 9 चलाएँ


ऊपर दिए अध्यायों के अनुरूप अपने लिनक्स तंत्र में वाइन का ताजातरीन संस्करण संस्थापित करें. वाइन संस्थापना के उपरांत टैली का सेटअप चलाएँ. लिनक्स में टैली वाइन के ज़रिए आसानी से सेटअप हो जाएगा तथा आप इसके तमाम फ़ीचर – प्रिंटिंग इत्यादि का भी आनंद लिनक्स में ले सकते हैं.



13.24 लिनक्स टिप्स :लिनक्स में रेमिंगटन कीबोर्ड में यूनिकोड हिन्दी में कैसे लिखें –


आसान है. इंटरनेट पर ऑनलाइन औज़ार http://raviratlami.googlepages.com/Remington-Krutidev-Online-Hindi-Easy-Editor.htm प्रयोग करें या फिर ऑफलाइन लिखने के लिए निम्न उपाय करें –



dev.remington.bin नाम की फ़ाइल को निम्न स्थल से डाउनलोड करें -



http://oriya.sarovar.org/download/dev.remington.bin



फिर इसे /usr/share/scim/tables में कॉपी कर दें. आपके तंत्र में स्किम संस्थापित होना चाहिए. स्किम कीबोर्ड में हिन्दी कुंजीपट के विकल्प में अब आपको रेमिंगटन का भी विकल्प दिखेगा. इसे चुनकर हिन्दी रेमिंगटन में टाइप करें.



13.25 लिनक्स टिप्स : लिनक्स में हिन्दी फ़ॉन्ट कैसे संस्थापित करें


लिनक्स में फ़ॉन्ट संस्थापित करना आसान है. रूट उपयोक्ता के रूप में फ़ॉन्ट को /usr/share/fonts/TTF में कॉपी करें और फिर टर्मिनल में chkfontpath कमांड दें. या फिर सामान्य प्रयोक्ता के रूप में अपनी होम डिरेक्ट्री में .font नाम का फ़ोल्डर बनाएँ व उसमें फ़ॉन्टों को कॉपी करें. अब टर्मिनल में कमांड दें - chkfontpath -a [.fonts-directory]. आपके नए संस्थापित फ़ॉन्ट आपके कार्यों के लिए उपलब्ध हो जाएंगे.



13.26 लिनक्स टिप्स : लिनक्स में यूएसबी ड्राइव प्रयोग करना –



उबुन्टु लिनक्स में जब आप यूएसबी ड्राइव डालते हैं, तो इसका फ़ाइल प्रबंधक स्वचालित रूप से इसे माउन्ट कर इसका प्रतीक चिह्न उबुन्टु डेस्कटॉप में लगा देता है जिसे डबल क्लिक कर इसकी सामग्री को आप देख सकते हैं और इसे प्रयोग में ले सकते हैं. हालाँकि यदा कदा समस्या आने से या अन्य लिनक्स संस्करणों में आपको इसे व्यक्तिगत रूप से माउन्ट करना होगा. यदि आपका लिनक्स वितरण यूएसबी को चलाने योग्य मॉड्यूलों सहित संस्थापित है तो आप निम्न सरल कमांड से इसे प्रयोग कर सकते हैं-



$mkdir /mnt/usb



$mount /dev/sda1 /mnt/usb



ध्यान दें कि जब आप अपना यूएसबी पेन ड्राइव प्रयोग कर लेते हैं तो इसे कम्प्यूटर से निकालने से पहले इसके प्रतीक चिह्न पर दायाँ क्लिक कर अनमाउन्ट चुनकर या निम्न कमांड से अनमाउन्ट अवश्य कर लें अन्यथा कुछ समस्याएँ आ सकती हैं.



$umount /mnt/usb



 



(अगले अध्याय में जारी…)

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. बेनामी12:15 pm

    Please let the readers know if this blog is converting to a Linux training class.

    जवाब देंहटाएं
  2. arree sir ji aap ne bahut mehant ki hogi..

    aapki iss mehnat ko salam..

    bahut hi helpful... lekin baraha download nahin ho raha jo apne link diya hai.

    vaise bahut hi useful hai... aaj hi sab friends ko mail kar deta hu iss link ko.. :D

    जवाब देंहटाएं
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लिनक्स पॉकेट गाइड – लिनक्स आपकी जेब में : अध्याय 13 – लिनक्स टिप्स एंड ट्रिक्स
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छींटे और बौछारें
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