tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post970657302560996244..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: विश्व के शीर्ष चिट्ठाकार क्या और कैसे चिट्ठे लिखते हैं....रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-45059508728028118412007-07-30T15:06:00.000+05:302007-07-30T15:06:00.000+05:30श्रीश जी,ऐसा न कहिए. आपसे हमें बहुत उम्मीदें हैं. ...श्रीश जी,<BR/>ऐसा न कहिए. आपसे हमें बहुत उम्मीदें हैं. आप नियमित लिखें. हमारी शुभकामनाएँ.<BR/><BR/>शास्त्री जी, अंकुर जी, संजीत जी, अनूप जी, परमजीत जी, विष्णु जी, अजित जी, संजय जी<BR/>धन्यवाद :)<BR/><BR/>अमित जी,<BR/>धन्यवाद. आपसे आशा करते हैं कि आप हिन्दी में लिखना शुरू करें. :)<BR/><BR/>उन्मुक्त जी,<BR/><BR/>आपका कहना बिलकुल सही है. और इसीलिए - एक बार फिर इसीलिए मैं सिर्फ और सिर्फ उन्हीं विषयों को उठाता हूँ जिन्हें मैं समझता हूं कि हिन्दी चिट्ठाकारों को पढ़ने में अच्छा लगे. थोड़ा मनोरंजन हो, थोड़ी जानकारी मिले और ज्यादा क्लिष्ट न हो. आपकी वह पोस्ट मैंने भी पढ़ी थी, वाकई लाजवाब पोस्ट थी, परंतु आपने सही ऑब्जर्व किया - शायद हम ऐसी पोस्टें हिन्दी में समय से पहले कर रहे होते हैं :)<BR/><BR/>फिर भी, आपसे गुजारिश है कि गाहे बगाहे ऐसी खबरों पर भी लिखा करें - ऐसी कुछ खबरें जो कालजयी हों - जिन्हें आज भी पढ़ा जा सके और कल भी पढ़ने में मजा दें. फिर हमें कम से कम आज पाठकों की कमी नहीं अखरेगी - क्योंकि पता है, कल को पाठक इन्हें ढूंढ कर पढेंगे ही.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-62018022512585636662007-07-30T11:07:00.000+05:302007-07-30T11:07:00.000+05:30सही है.सही है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-45353913971005796932007-07-30T07:57:00.000+05:302007-07-30T07:57:00.000+05:30रवी जी, मेरे विचार से आपकी सलाह अंग्रेजी चिट्ठाकार...रवी जी, मेरे विचार से आपकी सलाह अंग्रेजी चिट्ठाकारी के लिये लागू होती है हिन्दी चिट्टाकारी के लिये नहीं। यह बात मेरे कई मित्र, जो अंग्रेजी में चिट्टाकारी करते हैं, कहते हैं । उनकी कुछ चिट्ठियां को तो एक हफ्ते में ३-४ हजार हिटस् मिल जाते हैं। मैं इस तर्ज अपने छुटपुट चिट्ठे पर लिखता हूं पर निराशा ही मिलती है। <BR/>मैंने ३ मई को '<A HREF="http://unmukts.wordpress.com/2007/05/03/aacs-digs/" REL="nofollow"> कानूनी जंग: सर कटा देंगे पर झुकायेंगे नहीं</A>' नाम की चिट्ठी लिखी। यह चिट्ठी डिग्स् के ऊपर थी और इस खबर के प्रकाशित होने के २४ घंटे के अन्दर थी। उस समय तथा इसके कई दिन तक अंग्रेजी चिट्ठाकारी के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर थी। जहां तक मैं समझता हूं इस विषय पर हन्दी में किसी और ने नहीं लिखा। इसके बावजूद यह मेरी, न केवल, सबसे कम पढ़ी गयी चिट्ठी रही पर इसमें एक भी टिप्पणी नहीं आयी और न ही चिट्टाचर्चा करने वालों ने इसे महत्वपूर्ण समझा। इस पर एक भी लिंक नहीं है। उस समय और अधिकतर तो हिन्दी चिट्ठाजगत केवल ऐसे विवादों डूबा रहता है जिनका कोई अर्थ नहीं होता है।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-42225637899893188962007-07-30T02:03:00.000+05:302007-07-30T02:03:00.000+05:30बहुत बढ़िया जानकारीबहुत बढ़िया जानकारीअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-37646057604879534432007-07-30T01:08:00.000+05:302007-07-30T01:08:00.000+05:30रवि जी,आप बहुत बढिया जानकारी उपलब्ध करा रहे है।बहु...रवि जी,आप बहुत बढिया जानकारी उपलब्ध करा रहे है।बहुत-बहुत धन्यवाद।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-22605119211352493292007-07-30T00:15:00.000+05:302007-07-30T00:15:00.000+05:30उस्तादजी,आपकी बातें महज बातें नहीं, मुझ जैसे नौसि...उस्तादजी,<BR/>आपकी बातें महज बातें नहीं, मुझ जैसे नौसिखियाओं के लिए 'दिशा-दान' हैं । आपकी ऐसी बातों से हौसला बंधता और बढता है ।<BR/>ऐसी बातों के लिए आप नियमित कक्षाएं लेते रहें ।<BR/>आभार ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-77177416083141831422007-07-29T21:28:00.000+05:302007-07-29T21:28:00.000+05:30सही है एक शीर्ष चिट्ठाकार की बात नोट की गयी।सही है एक शीर्ष चिट्ठाकार की बात नोट की गयी।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-43429255683659732022007-07-29T19:27:00.000+05:302007-07-29T19:27:00.000+05:30जी मैंने भी यह बात बहुत पहले नोट की थी कि शीर्ष चि...<I>जी मैंने भी यह बात बहुत पहले नोट की थी कि शीर्ष चिट्ठाकार टैक न्यूज पर लगातार नजर रखते हैं और फटाफट उस पर लिख डालते हैं।</I><BR/><BR/>अपन शीर्ष चिट्ठाकार तो नहीं रहे कभी लेकिन २ वर्ष पहले तक <A HREF="http://www.digitblog.com" REL="nofollow">डिजिट ब्लॉग</A> और उससे पहले अपने <A HREF="http://blog.igeek.info/" REL="nofollow">वेब डेवेलपर ब्लॉग</A> पर मैं भी ऐसे ही लिखता था, जो काम की खबर लगी उस पर लिख डाला, लेकिन फिर समयाभाव के चलते जारी नहीं रख पाया। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-85376227288638131412007-07-29T19:24:00.000+05:302007-07-29T19:24:00.000+05:30मुझे जो बात कहनी थी करीब करीब वही बात श्रीश भाई ने...मुझे जो बात कहनी थी करीब करीब वही बात श्रीश भाई ने कह डाली है!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-21514500317016848962007-07-29T19:04:00.000+05:302007-07-29T19:04:00.000+05:30बढ़िया जानकारी दी। अपने ब्लाग मे कुछ लिखते समय ध्या...बढ़िया जानकारी दी। अपने ब्लाग मे कुछ लिखते समय ध्यान रखूंगा।अंकुर गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/11895780087694607022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-28933641525420148892007-07-29T18:11:00.000+05:302007-07-29T18:11:00.000+05:30संशोधित:आपके इस तरह के अनुसंधान-आधारित लेखों से मु...संशोधित:<BR/><BR/>आपके इस तरह के अनुसंधान-आधारित लेखों से मुझ जैसे लेखको को एक ओर आधिकारिक मार्गनिर्देशन मिल जाता है तो दूसरी ओर काफी समय बच जाता है. आभार स्वीकार करें -- शास्त्री जे सी फिलिप<BR/><BR/>हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती हैShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-56816636541749953962007-07-29T18:10:00.000+05:302007-07-29T18:10:00.000+05:30आपके इस तरह के अनुसंधान-आधारित लेखों से मुझ जैसे ल...आपके इस तरह के अनुसंधान-आधारित लेखों से मुझ जैसे लेखको को आधिकारिक एक ओर मार्गनिर्देशन मिल जाता है तो दूसरी ओर काफी समय बच जाता है. आभार स्वीकार करें -- शास्त्री जे सी फिलिप<BR/><BR/>हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती हैShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-30760642810213733492007-07-29T18:01:00.000+05:302007-07-29T18:01:00.000+05:30जी मैंने भी यह बात बहुत पहले नोट की थी कि शीर्ष चि...जी मैंने भी यह बात बहुत पहले नोट की थी कि शीर्ष चिट्ठाकार टैक न्यूज पर लगातार नजर रखते हैं और फटाफट उस पर लिख डालते हैं। <BR/><BR/>इसलिए मैंने भी कभी नियमित लिखने का सोचा था लेकिन अफसोस नियमित लिखना मेरे बस में नहीं।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.com