tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post8783512712053532327..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: एक मरीज का चिकित्सा-यात्रा संस्मरण 2रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-63162906368250199312007-12-25T13:35:00.000+05:302007-12-25T13:35:00.000+05:30रवि जी, आपका दर्द मैं समझ सकता हूँ. जो आपने cmc के...रवि जी, आपका दर्द मैं समझ सकता हूँ. जो आपने cmc के बारे मे बताया वही हाल aiims का भी है.<BR/>सरकार द्वारा चंद रुपये बचाने के चक्कर मे हमारे यहाँ भी मरीजों को ये सब झेलना पड़ता है. <BR/> अव्यवस्थित रहना हम हिन्दुस्तानियो के खून मे है.<BR/>कुछ बाबुओ की खिद्किया बढाने से काफ़ी समय बच सकता था.<BR/>या फिर छोटी छोटी चीजों लिए भी अगर ये खिड़की सिस्टम हटा दिया जाए तो भी कुछ आराम हो. परन्तु यहाँ जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-87809822787351412022007-09-10T23:01:00.000+05:302007-09-10T23:01:00.000+05:30मैं तो पढ़ते पढ़ते थक गया, आपने वो समय कैसे गुजारे...मैं तो पढ़ते पढ़ते थक गया, आपने वो समय कैसे गुजारे होंगे, सोच के घबराहट होती है. आशा है आप जल्दी स्वास्थ्य लाभ करेंगे. हमरी दुआएं आपके साथ हैं.Raaghttps://www.blogger.com/profile/17899437600804420902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-55916522366914850752007-09-09T18:48:00.000+05:302007-09-09T18:48:00.000+05:30गुरुजी,आपकी दोनों पोस्ट ध्यान से पढी । यह जानकर ...गुरुजी,<BR/><BR/>आपकी दोनों पोस्ट ध्यान से पढी । यह जानकर बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा कि आपने इतने-इतने 'राज-रोग' पाल रखे हैं । आपके व्यवहार से क्षणांश को भी आपकी इस गम्भीर अस्वस्थता का 'अन्देशा' भी नहीं होता । या तो आप श्रेष्ठ अभिनेता हैं या फिर विकट जीवट वाले व्यक्ति हैं । तसल्ली की बात यही है कि आप कुलमिलाकर स्वस्थ हैं ।<BR/>दोनो पोस्ट पढते-पढते कई बार धैर्य छूटा लेकिन जी कडा कर, अन्तत: पढ ही ली । पढने में जब मेरा यह हाल हुआ है तो पता नहीं आपने यह सब कैसे भोगा होगा और कैसे सहन किया होगा ।<BR/>ईश्वर आपको सदैव पूर्ण स्वस्थ बनाए रखे ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-85114493126485622772007-09-08T12:58:00.000+05:302007-09-08T12:58:00.000+05:30सभी जगह यही हाल है।सभी जगह यही हाल है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-14321191140030269282007-09-08T12:08:00.000+05:302007-09-08T12:08:00.000+05:30इन्ही ड्रामो के चलते मै अपने पिता को खो चुका हू..न...इन्ही ड्रामो के चलते मै अपने पिता को खो चुका हू..<BR/>ना देखने वालो के पास वक्त था,और ना ही दिखाने वाले ने इंतजार किया..इनको जब तक देखने के लिये वक्त मिला,वो अपने नये सफ़र पर जा चुके थे.<BR/>भगवान आपको स्वास्थय प्रदान करेArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-46168659384665983742007-09-08T07:20:00.000+05:302007-09-08T07:20:00.000+05:30आप स्वस्थ हैं सुन कर प्रसन्नता हुई। अच्छे अस्पतालो...आप स्वस्थ हैं सुन कर प्रसन्नता हुई। <BR/><BR/>अच्छे अस्पतालों का अभाव हो तो अच्छे अस्पताल भी मरीजों की तादात तले दब कुचलकर गये गुजरे हो जाते हैं। अपोलो जैसे अस्पताल पहले भारी फीस के ज़रिये कम आमदनी वाली भीड़ से बचे रहते थे पर अब तो लोगों की आमदनी भी बढ़ी है और महंगे अस्पतालों में मरीजों की तादात भी।<BR/><BR/>बंगालियों के सिस्टम के रोना रोने को खास गंभीरता से न लें, निंदा और नुक्ताचीनी बंगालियों का खास शगल है :)debashishhttps://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-12685008411669021612007-09-08T07:10:00.000+05:302007-09-08T07:10:00.000+05:30रतलाम में डस्ट एलर्जी के चलते मेरा एक चेला मुझे एक...रतलाम में डस्ट एलर्जी के चलते मेरा एक चेला मुझे एक डस्ट फ़िल्टर का मास्क दे गया था जिसे मैने असहजता के चलते नहीं पहना. आप तो पहन लें और मस्त रहें.<BR/>वेल्लोर का अनुभव सोचने पर बाध्य करता है.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-65990387943093739472007-09-08T06:21:00.000+05:302007-09-08T06:21:00.000+05:30दारुण.. अपना ख्याल रखें.. रेखाजी की बात सुनें..दारुण.. <BR/>अपना ख्याल रखें.. रेखाजी की बात सुनें..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-53639837355931064532007-09-08T05:04:00.000+05:302007-09-08T05:04:00.000+05:30लगता है कि सब ही बडे-२ मेटिकल इन्सटीयूट की हालत ए...लगता है कि सब ही बडे-२ मेटिकल इन्सटीयूट की हालत एक जैसी है । मैने यहाँ लखनऊ मे SGPGI मे भी इसी हाल को देखा है । एक रोगी के लिये तो यह पल बिताने बहुत ही कठिन होते है , कम से कम इन संस्थानों को तो कुछ positively सोचना चाहिये ।Dr Prabhat Tandonhttps://www.blogger.com/profile/14781869148419299813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-85539049805788830032007-09-07T21:10:00.000+05:302007-09-07T21:10:00.000+05:30इतनी विकट और भीषण स्थितियाँ होंगी, इसका कतई अंदाजा...इतनी विकट और भीषण स्थितियाँ होंगी, इसका कतई अंदाजा न था. आभार अवगत कराने के लिये.<BR/><BR/>अच्छा लगा जानकर कि आपका स्वास्थय ठीक ठाक है. शुभकामनायें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com