tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post8116081440380400367..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: अरविंद कुमार का आलेख - सूचना प्रौद्योगिकी और कोशकारितारवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-70207272614299250122014-02-13T13:29:19.321+05:302014-02-13T13:29:19.321+05:30आदरणीय अरविंद कुमार जी ने प्रशंसनीय काम किया है, उ...आदरणीय अरविंद कुमार जी ने प्रशंसनीय काम किया है, उन्होंने पुराने और नई पीढ़ी को को जोड़ दिया है। हार्दिक धन्यवाद। विजय नगरकरhttps://www.blogger.com/profile/01027898030678292010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-31806496261596120162014-01-19T09:16:21.292+05:302014-01-19T09:16:21.292+05:30लगन की प्रतिमूर्ति, स्तुत्य व्यक्तित्व हिन्दी के ल...लगन की प्रतिमूर्ति, स्तुत्य व्यक्तित्व हिन्दी के लिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-76685329198328426092014-01-18T21:33:30.705+05:302014-01-18T21:33:30.705+05:30नींव की ईंट इमारत को संभालती है पर कभी दिखाई नहीं...नींव की ईंट इमारत को संभालती है पर कभी दिखाई नहीं देती...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-64034680410794452592014-01-18T16:36:35.883+05:302014-01-18T16:36:35.883+05:30परम श्रद्धेय अरविन्द कुमार जी कोशकारिता के पर्याय...परम श्रद्धेय अरविन्द कुमार जी कोशकारिता के पर्याय हैं। एक आम आदमी अपने सीमित साधनों व सुविधाओं के बूते इतना कुछ कर सकता है, यह सोचकर आश्चर्य होता है। अपनी धर्मपत्नी और सुपुत्र के सहयोग से उन्होंने कोशकारिता के क्षेत्र में जो काम किया है, वह तमाम सुविधाओं व साधनों से युक्त कोई संस्था भी शायद नहीं कर पाती। <br /><br />इस लेख को पढ़वाने के लिए आभार। अशोक पाण्डेयhttp://www.khetibaari.blogspot.comnoreply@blogger.com