tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post7468454396437987364..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: हिंग्लिश इज़ कूल यार!रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-53322179973505132012016-02-09T22:48:38.760+05:302016-02-09T22:48:38.760+05:30हिन्दी इस भेरी कूल, वी शुड राइट ऐंड स्पीक मोर इन ह...हिन्दी इस भेरी कूल, वी शुड राइट ऐंड स्पीक मोर इन हिन्दी :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-59088975954612324222016-01-27T23:20:10.428+05:302016-01-27T23:20:10.428+05:30आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन - भार...आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/01/Bharat-bhushan-ji-ki-punyatithi.html" rel="nofollow">ब्लॉग बुलेटिन - भारत भूषण जी की पुण्यतिथि</a> में शामिल किया गया है। <b>कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।। </b>HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-13589954440462206202016-01-27T18:32:26.890+05:302016-01-27T18:32:26.890+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28 - 01 - 2016 को चर्चा ...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28 - 01 - 2016 को चर्चा मंच पर <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2016/01/2235.html" rel="nofollow"> चर्चा -2235 </a> में दिया जाएगा <br />धन्यवाद दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-66841472517046985582016-01-27T11:47:07.991+05:302016-01-27T11:47:07.991+05:30काफी खोजबीन भरी जानकारी से भरा लेख । वर्तमान हिन्द...काफी खोजबीन भरी जानकारी से भरा लेख । वर्तमान हिन्दी में हिन्दी है कहाँ ?<br />पहले तो उर्दू शब्द बहुतायत में थे, अब अंग्रेजी के शब्द जम गए हैं । अजीब सी खिचड़ी बन गई है ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-72554165051392359012016-01-27T09:53:42.502+05:302016-01-27T09:53:42.502+05:30हिन्दी में अंग्रेजी घर कर गयी है। जहाँ विकल्प है, ...हिन्दी में अंग्रेजी घर कर गयी है। जहाँ विकल्प है, हिन्दी के शब्द प्रचलित हैं और लोगों को अर्थ समझ आता भी, वहाँ पर अन्यथा प्रयोगवाद से क्या लाभ। अंग्रेजी संबद्ध उत्कृष्टता के भाव कब हमारा पीछा छोड़ंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com