tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post4599994968906447595..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: महिला की जूती और महिला की परेशानीरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-63511120184245447312010-12-16T21:24:29.430+05:302010-12-16T21:24:29.430+05:30खूब धैर्य रखा सामग्री के एकत्रित होने तक का। यह है...खूब धैर्य रखा सामग्री के एकत्रित होने तक का। यह है जीवन का इन्द्र धनुष। मनोरम् भी और आनन्ददायी भी।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-12068437746874008052010-12-16T15:47:44.520+05:302010-12-16T15:47:44.520+05:30एक लंबी कविता है, जिसमें दो खबरों को जोड़ कर हास्...एक लंबी कविता है, जिसमें दो खबरों को जोड़ कर हास्य पैदा किया गया है, उसकी जो पंक्ति तुरंत ध्यान आ रही है, वह कुछ इस तरह है- 'नंदनी सतपथी चुनाव में पराजित, अंधों ने मतदान किया'.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-36836504386868617762010-12-16T11:44:13.311+05:302010-12-16T11:44:13.311+05:30आज आपने तो समाचार पत्रों का हल्का पक्ष प्रस्तुत कर...आज आपने तो समाचार पत्रों का हल्का पक्ष प्रस्तुत कर दिया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com