tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post4413263555449719700..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: धार्मिक टीवी चैनलों के साथ एक दिनरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-66020564899674424522011-02-18T17:01:08.628+05:302011-02-18T17:01:08.628+05:30भूसा तो चारों ओर दिखता है साहब. ज़रूरत है कि उसमें ...भूसा तो चारों ओर दिखता है साहब. ज़रूरत है कि उसमें से तत्त्व चुन लिया जाए. टीवी पर प्रवचन सुनने को तो ये एक बहुत बड़ा फायदा है. आपको किसी के आश्रम में जाकर वहाँ की पद्यति का शत प्रतिशत अनुसरण करने कि ज़रूरत ही नहीं है. बस टीवी पर जो ज्ञान की बात, या काम की बात अपने पर लागू हो, उसे ग्रहण करें और आगे बढ़ चलें. यह मनुष्य का स्वाभाव है कि दूसरे की बुराई पहले देखता है, और उसमें छुपी हुई अच्छाइयों को तर्कों की तराजू पर तोलता रहता है. आपका सभी को एक ही चाबुक से हाँकना टीस दे गया.सौरभ गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05632848142217955119noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-62491636456596970212011-02-09T00:56:08.483+05:302011-02-09T00:56:08.483+05:30टिप्पणियों में भी व्यंग्य के समान ही लगभग एक ही स्...टिप्पणियों में भी व्यंग्य के समान ही लगभग एक ही स्वर है लेकिन इसके दूसरे पहलू पर भी विचार किया जा सकता है। विरोध या आलोचना मेरा लक्ष्य नहीं है बस दूसरी ओर जाकर उस दिशा से देखने का प्रयास भर है। बापू, बाबा, स्वामी या महाराज जो भी हो यदि उनके आश्रम या संस्थान में दवाएँ या जो भी उत्पाद बन रहे हैं तो ये मात्र अतिरिक्त विकल्प के रूप में हमारे सामने है। जैसे च्यवनप्राश के लिए डाबर, झंडू, ऊंझा, वैद्यनाथ आदि कंपनियाँ हैं, वैसे ही किसी भक्त या फ़ॉलोअर को उसके बाबा या स्वामी के उत्पाद के रूप में एक और विकल्प मिलता है बल्कि वह स्वामीजी के उत्पाद को अधिक शुद्ध और प्रामाणिक मानता है, यदि ऐसा है तो क्या बुराई है। और जो फ़ॉलोअर नहीं हैं उन्हें भी तो इतने अतिरिक्त विकल्प मिलते हैं।<br />आयुर्वेदिक उत्पादों और योग को बाबा लोगों ने ही आम जनता में लोकप्रिय बनाया है। रोगी शरीर के लिए योग लाभदायक है लेकिन रोग की जटिलता और गंभीरता की स्थिति में योग के साथ आयुर्वेद के संयोजन की आवश्यकता होती है। यदि दवा बाबा की है तो क्या हुआ। मै सोचता हूँ कि निशाने पर योग की दुकानदारी ही है योग नहीं।<br />हत्या या अन्य उपद्रवों के लिए बाबा या बापू का दोष यही है कि वे लोगों या उनके भक्तों की प्रवृत्ति नहीं बदल सके। <br />क्या मैं एक भक्त या फ़ॉलोअर के रूप में बोल रहा हूँ? यदि उपरोक्त बातें ठीक हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं फ़ॉलोअर हूँ या नहीं। फिर भी हो सकता है कि मैं अपनी बात ठीक से नहीं रख सका हूँ या फिर इस व्यंग्य या लेखन के मंतव्य को नहीं समझ सका हूँ।<br />इसलिए क्षमायाचना सहित।Atul Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16469390879853303711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-59570159069411155572011-02-06T10:51:57.483+05:302011-02-06T10:51:57.483+05:30sir doordarshan hai na phir q bekaar paresaan hye ...sir doordarshan hai na phir q bekaar paresaan hye aapमोहम्मद कासिमhttps://www.blogger.com/profile/14263644500168934307noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-43372604910241635282011-02-05T07:19:04.414+05:302011-02-05T07:19:04.414+05:30गज़ब का एक्शन लिया आपने!!गज़ब का एक्शन लिया आपने!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-39747004855078258122011-02-05T04:12:56.968+05:302011-02-05T04:12:56.968+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने स...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !<br /><br />आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2011/02/4_05.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - मेरे लिए उपहार - फिर से मिल जाये संयुक्त परिवार - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा </a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-30367140761569252872011-02-04T23:03:18.758+05:302011-02-04T23:03:18.758+05:30` स्वामी महोदय तो रेप केस में फंस चुके हैं '
...` स्वामी महोदय तो रेप केस में फंस चुके हैं '<br /><br />तभी तो वे अपने तजुर्बे से कह रहे है कि मोह माया को छोडॊ वर्ना फंस जाएंगे बच्चू :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-27565009059788109512011-02-04T19:51:47.180+05:302011-02-04T19:51:47.180+05:30सम्भवत: ऐसे ही 'साधुओं' के लिए विवेकानन्...सम्भवत: ऐसे ही 'साधुओं' के लिए विवेकानन्द ने कहा था कि इन्हें खेत जोतने के लिए बैलों की जगह जोत दिया जाना चाहिए।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-36565829834446663022011-02-04T19:04:01.436+05:302011-02-04T19:04:01.436+05:30अब तो सब के अलावा कुछ भाता ही नहीं है।अब तो सब के अलावा कुछ भाता ही नहीं है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-50638996791980874382011-02-04T18:20:50.813+05:302011-02-04T18:20:50.813+05:30एक्शन तो अपनी भी कमजोरी है। इस वजह से अक्सन घर म...एक्शन तो अपनी भी कमजोरी है। इस वजह से अक्सन घर में डांट सुननी पडती है। :)<br />---------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">ध्यान का विज्ञान।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">मधुबाला के सौन्दर्य को निरखने का अवसर।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-77454451028565933802011-02-04T15:10:14.448+05:302011-02-04T15:10:14.448+05:30पूरे मनोयोग से पढ़ लिया, आपका तरीका भी आजमा लेंगे....पूरे मनोयोग से पढ़ लिया, आपका तरीका भी आजमा लेंगे.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-9145290039995322242011-02-04T13:39:17.203+05:302011-02-04T13:39:17.203+05:30व्यावसायिक धार्मिक चॅनल और व्यावसायिक धार्मिक नेता...व्यावसायिक धार्मिक चॅनल और व्यावसायिक धार्मिक नेताओं से धर्म ना सीखें , टीवी की जगह धार्मिक किताबों का इस्तेमाल करें.एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-28420511192084987242011-02-04T11:50:19.118+05:302011-02-04T11:50:19.118+05:30क्या कहें भारत है ..यहाँ सब चल जाता है ...आपकी पोस...क्या कहें भारत है ..यहाँ सब चल जाता है ...आपकी पोस्ट कई सारी बातों को सोचने का अवकाश देती है ...आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-18013244652821020872011-02-04T11:32:19.110+05:302011-02-04T11:32:19.110+05:30इन स्वामियों, तथाकथित अवतारों /भगवानों पर बहुत ही ...इन स्वामियों, तथाकथित अवतारों /भगवानों पर बहुत ही सटीक व्यंग्य किया है सर!<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.com