tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post4302521905972577245..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: बातें तो तेरी फूल सी थीं मगर, सुनकर मैं पत्थर का हो गया ...रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-70626502548990313772012-01-12T10:43:53.863+05:302012-01-12T10:43:53.863+05:30धन्यवाद. आपकी लेखनी चमत्कृत करती है, और उसमें तो अ...धन्यवाद. आपकी लेखनी चमत्कृत करती है, और उसमें तो अपने आप में बड़ी इज्जतें होती हैं :)रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-31020738998404089432012-01-07T00:26:17.019+05:302012-01-07T00:26:17.019+05:30बस पढ़ना खत्म किया और मैं भी पत्थर का हो गया.बस पढ़ना खत्म किया और मैं भी पत्थर का हो गया.सुनील मंथन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/02515197134954893951noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-61734923550986582652012-01-06T21:30:38.087+05:302012-01-06T21:30:38.087+05:30कहते हैं, सुन्दरता किसी वस्तु/व्यक्ति में नहीं,...कहते हैं, सुन्दरता किसी वस्तु/व्यक्ति में नहीं, देखनेवाले की ऑंख में होती है। यही बात आपकी पोस्ट ने साबित कर दी। बात एक और देखनेवाले दो - इरफान और आप। दोनों की अपनी-अपनी नजर और दोनों ही तीखी, धारदार। आनन्द आ गया।<br /><br />मुझे इज्जत बख्शने के लिए अन्तर्मन से कोटिश: आभार।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-90012719835188550602012-01-06T19:38:52.162+05:302012-01-06T19:38:52.162+05:30सब ही पाथर हो गये हैं।सब ही पाथर हो गये हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com