tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post124996638435413857..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: अब अपने कंप्यूटर पर हिंदी में बोलकर सही-सही लिखेंरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-61810263101068009602016-02-07T23:47:56.965+05:302016-02-07T23:47:56.965+05:30रविशंकर जी, धन्यवाद आपको। रविशंकर जी, धन्यवाद आपको। सुनो कहानीhttps://www.blogger.com/profile/17903414329781769557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-76275166412990787852014-09-12T14:09:48.234+05:302014-09-12T14:09:48.234+05:30कमाल की पोस्ट है। इस विधि को आजमा कर नहीं देखा। क...कमाल की पोस्ट है। इस विधि को आजमा कर नहीं देखा। क्यूँकि मैं हिन्दी टंकण में सिद्धहस्त हूँ। किन्तु बहुत से लोगों के लिए यह कारगर हो सकती है।जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-73029281557209206532014-09-10T09:58:33.209+05:302014-09-10T09:58:33.209+05:30पिछले महीने से मैं इसे इस्तेमाल कर रहा हूँ। वैसे म...पिछले महीने से मैं इसे इस्तेमाल कर रहा हूँ। वैसे मैं इसे Evernote में प्रयोग कर रहा था। पी.सी. के लिए बाद में इसे ‘सिंक’ करवा लेता हूँ। इससे “है” तो कभी नहीं लिखता। गूगल ने बोल कर ‘इंग्लिश टाईपिंग’ की सुविधा ऑफ़-लाईन उपलब्द्ध कर रखी है। हिन्दी टाईपिंग भी ऑफ़-लाईन उपलब्द्ध करवा दे तो बहुत कल्याण होगा। गूगल ने फ़ोनेटिक टाईपिंग काफ़ी दिनों तक ऑन-लाईन ही रखा था, बहुत बाद में इसे ‘डाऊनलोडेबुल’ उपलब्द्ध करवाया था। इसके लिए गूगल को रिक्वेस्ट तो करना होगा। पर कहाँ बोलें, किससे बोले?...और कौन बोले? वैसे तो ‘ग्रुपबाज़ी’ करने के लिए, ‘गपबाज़ी’ करने के लिए, ‘गंध-फ़ैलाने के लिए हम हिन्दी ब्लॉगर कहीं भी इक्कट्ठा हो सकते हैं, पर... । <br /><br />और गूगल देवता इसे पी.सी. के लिए भी सीधे उपलब्द्ध करवा दे तो क्या बात होगी!<br /> <br />स्मार्ट-फ़ोन्स पर अंग्रेज़ी टेक्स्ट सुन सकने की अच्छी सुविधा भी उपलब्ध करवा दी है गूगल ने। यहाँ तक कि इन्डियन एसेंट वाली महिला अंग्रेज़ी पढ़ कर सुनाती है। पर हिन्दी के लिए । इस सुविधा के लिए भी काम होना चाहिए। <br />गूगल-देव हम हिन्दी प्रेमियों से भी सीधा संवाद बराबर करते रहें। ये लोग बीच-बीच में कुछ थोड़ी-थोड़ी बातें तो करते हैं; (आपने भी हमें पिछले दिनों सूचित किया था..)। पर ये संतोषजनक नहीं है। हमारा ऐसा कोई प्रभावी “मंच” होना चाहिए, जो हिन्दी-प्रेमियों के सरोकार सीधे गूगल तक पहुचा सके; और गूगल उस पर तवज्जो भी दे.....।<br />Omhttps://www.blogger.com/profile/08806821165807971767noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-30070851439021853142014-09-07T18:30:48.906+05:302014-09-07T18:30:48.906+05:30जबरदस्त जुगाड़! बेहद कामयाब। आजमाता हूँ इसे।
आभार।...जबरदस्त जुगाड़! बेहद कामयाब। आजमाता हूँ इसे। <br />आभार।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-21957721654995403712014-09-06T23:38:37.301+05:302014-09-06T23:38:37.301+05:30बढिया जानकारी !! धन्यवाद बढिया जानकारी !! धन्यवाद Amit Kumar Nemahttps://www.blogger.com/profile/04729633113798090904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-44957159235850595122014-09-06T21:32:13.308+05:302014-09-06T21:32:13.308+05:30उपयोगी।उपयोगी।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com