tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post115985337839682992..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: हिन्दी पखवाड़े की भेंटरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1159879478122049682006-10-03T18:14:00.000+05:302006-10-03T18:14:00.000+05:30उन्मुक्त,हाँ, यह कह सकते हैं, जो कि अनायास ही हुआ....उन्मुक्त,<BR/><BR/>हाँ, यह कह सकते हैं, जो कि अनायास ही हुआ. अनुवाद फ़ाइलें पहले जमा की जा चुकी थीं, परंतु डेवलपमेंट साइकल में 13 सितम्बर को ही जारी हो सका.<BR/><BR/>संजय,<BR/>अभी तो नहीं है, परंतु इसमें जोड़ा जा सकता है. इसमें आप अपना स्वयं का शब्द भंडार भी बना सकते हैं :)<BR/><BR/>देखते हैं, कहीं कोई परियोजना हासिल होती है, तो यह काम प्राथमिकता में करेगें :)रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1159875932523186112006-10-03T17:15:00.000+05:302006-10-03T17:15:00.000+05:30क्या इसमें गलत शब्दो को स्वतः ही सुधारने की क्षमता...क्या इसमें गलत शब्दो को स्वतः ही सुधारने की क्षमता है?<BR/>-संजय <BR/>(sanjaybengani एट gmail डॉट com)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1159875559263639662006-10-03T17:09:00.000+05:302006-10-03T17:09:00.000+05:30चलिये हिन्दी पखवारे की एक उपलब्धि तो हुई।चलिये हिन्दी पखवारे की एक उपलब्धि तो हुई।Anonymousnoreply@blogger.com