tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post115779011196031909..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: लाभकारी अश्लीलता..रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1157804519202375482006-09-09T17:51:00.000+05:302006-09-09T17:51:00.000+05:30कलाकार को अपना पेट भी भरना हैं और जितना मिलता हैं ...कलाकार को अपना पेट भी भरना हैं और जितना मिलता हैं वह भूख को और बढ़ा देता हैं. सारा दोष अतृप्ति का हैं. खरिददार को आँखे तृप्त करनी हैं तो कलाकार को पेट.Anonymousnoreply@blogger.com