tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post110510515848234626..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: जन गण मन... जय हे...रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-46775961313763477042011-11-17T20:12:45.455+05:302011-11-17T20:12:45.455+05:30जनहित? मजाक मत कीजिए। वैसे किसी की रचना से, चाहे व...जनहित? मजाक मत कीजिए। वैसे किसी की रचना से, चाहे वह जैसी हो, छेड़छाड़ नहीं किया जाना चाहिए। भले राष्ट्रगान बदल दो…क्योंकि यह तो राज्य या सत्ता के बनाए होते हैं…चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.com