व्यंग्य जुगलबंदी - घर-घर, देश-देश का बिगड़ा बजट

SHARE:

मैं बड़ी मुश्किल में हूँ. सचमुच की मुश्किल में. मेरी करबद्ध प्रार्थना है आपसे – मुझे आपसे सहायता की सख्त जरूरत है और आप कृपा कर मेरी सहायत...


मैं बड़ी मुश्किल में हूँ. सचमुच की मुश्किल में. मेरी करबद्ध प्रार्थना है आपसे – मुझे आपसे सहायता की सख्त जरूरत है और आप कृपा कर मेरी सहायता करें. इधर, मेरा सारा बजट गड़बड़ा गया है. कहीं से भी, किसी भी एंगल से सम्हले नहीं संभल रहा. मुझे मेरा बजट बनाने में, बनाकर उसे सही तरीके से लागू करने में आपकी सहायता की जरूरत है. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप मेरी सहायता अवश्य करेंगे.

कुछ अरसा पहले मैं रुपए पैसे के बजट में जूझता रहता था. वो तो, उधारी-बाढ़ी ले-देकर, जैसे तैसे संभल जाता था. जैसे अपने देश का बजट संभल संभाल लिया जाता है – इधर का प्रावधान उधर कर, और उधर के प्रावधान में कटौती कर इधर के प्रावधान में जोड़ कर या ओवरड्रॉफ्ट कर. कभी सुबह के चाय में कटौती कर या दोपहर के रायते में कमी कर मैं अपना महीना चला लेता था. और, वक्त जरूरत ओवरटाइम मार कर या लोन लेकर अतिरिक्त पैसे का जुगाड़  कर बजट संभाल लिया करता था.
[ads-post]

मगर अभी की समस्या बड़ी विकट है. ऐसी है कि कटौती करें तो कहां. कमी करें तो कहां. ऐसी है कि कमाएँ तो कहाँ से. लाएं तो कहां से.

मामला समय का है. समय का बजट संभाले नहीं संभल रहा. मुए सोशल मीडिया ने, केबल-डिजिटल टीवी ने, यू-ट्यूब ने, विंक-गाना-हंगामा म्यूज़िक ने, और हाटस्टार ने समय की जो वाट लगा रखी है, लगता है जिएं कहाँ से और खाएँ-पिएँ-सोएँ कब कहाँ पे! और, बजट में प्रावधान है- दिन भर में केवल 24 घंटे. न एक मिनट कम न एक मिनट ज्यादा.

आपने सही समझा. समय का बजट, और इसकी समस्या. हो सकता है कि आपमें से अधिकांश भी इस नए अवतरित, समय-बजट की विकराल समस्या से जूझ रहे होंगे.

सुबह आप जितनी भी जल्दी उठ जाएँ, आपके डेका-कोर-प्रोसेसर युक्त सुपर-स्मार्टफ़ोन में रात भर में कई सैकड़ा भर चाहे-अनचाहे वाट्सएप्प समूहों और संपर्कों से जमा हो चुके हजारों संदेशों, वीडियो, चित्रों आदि को देखने दिखाने का समय ही नहीं होता. और, नतीजतन आप क्या करते हैं? आप भी वही करते हैं जो दूसरे वाट्सएप्प उपयोगकर्ता करते हैं – रेंडमली, बेतरतीबी से आप सौ-पचास संदेशों को यहाँ वहाँ इधर उधर समूहों में और संपर्कों में फारवर्ड मारकर अपना वाट्सएप्प सुप्रभात कर लेते हैं. और, यदि आप अपने आप को तकनीकी-दिव्यांग नहीं समझते हैं तो जुगाड़ लगाकर ऑटोडिलीट मोड में सेट कर देते हैं. न रहता है बांस न बजती है बांसुरी.

फिर उसके बाद ब्लॉग-फ़ेसबुक-ट्विटर का नंबर आता है. दुनिया में क्या और कितने तरह के एक से एक लोग एक से एक पोस्टें लिखते हैं, ट्वीट मारते हैं, लिंक का आदान प्रदान करते हैं. लोगों ने तो ट्विटर पर 140 अक्षरों की प्रेम कहानी, प्रेम कविता आदि की नई विधाएँ शुरू कर दी हैं. इन सब को पढ़ने का, संजोने का समय ही नहीं होता. यकीन से, कसम खाकर बताएँ कि आपने हाल ही में जो 140 अक्षर में जासूसी कथा लिखने का ट्रैंड चला था उसमें कितनी कहानी लिखी और कितनी पढ़ी? बेइज़्ज़ती तब हो जाती है जब सामने वाला कोई जबरदस्त उदाहरण देता है और कहता है कि ये फलां के फेसबुक पेज में है और आप मूर्खों की तरह उसका मुंह ताकते रहते हैं. कोढ़ में खाज तब हो जाता है जब वो पेज आपके पंसद किए हुए फ़ेसबुक पेज में पहले ही शामिल होता है, मगर उसे देखने का, वहाँ झांकने का आपके पास समय ही नहीं होता है.

इधर यू-ट्यूब ने हमारे समय प्रबंधन का और बेड़ा गर्क किया हुआ है. यू-ट्यूब में दुनिया जहान के, एक से बढ़कर एक वीडियो हैं. कुकरी के वीडियो हैं, तकनीकी वीडियो हैं, गीत-संगीत के, लॉफ्टर शो के. रोज करोड़ों घंटों के वीडियो अपलोड हो रहे हैं. पर, एक भी वीडियो को ढंग से, फुरसत से, बैठ कर देख लेने का टाइम ही नहीं निकल पाता है. पता चलता है कि इधर आपने कोई वेब-सीरीज का कोई दस मिनट की वीडियो देखी, और इस बीच आपके जीमेल खाते में बेहद महत्वपूर्ण, तात्कालिक प्रत्युत्तर चाहने वाले पचास ईमेल संकलित हो गए. आप भागकर जीमेल खोलते हैं, पच्चीस ईमेल को ठिकाने लगाते हैं तो इधर मैसेंजर फड़फड़ाता है, स्नैपचेट हिचकोले मारता है, हैंगआउट हिचकचता है, स्काइप स्क्रीन चमकाता है. कभी कभी तो मामला इतना सीरियस हो जाता है कि प्रकृति की पुकार (अरे, वही नेचर्स कॉल) के लिए समय निकालना तक मुश्किल हो जाता है!

और, अभी तो मैंने एक्सबॉक्स नीड फ़ॉर स्पीड, एंग्रीबर्ड, पोकेमॉन आदि-आदि के बारे में कुछ कहा नहीं है. कहा है क्या? विंक, हंगामा, नेटफ्लिक्स, रेडियो सिटी आदि-आदि के बारे में बोला नहीं है. बोला है क्या?

बताओ अब मैं क्या करूँ. मेरे समय का बजट बनाने में मदद करें कृपया. प्लीज़! प्लीज!!

COMMENTS

BLOGGER: 3
  1. खर्च करने की ज़रूरतें इतनी अधिक ,और हाथ में वहीं बँधे-बँधाये घंटे -यहाँ खर्चो तो वहाँ के लिये अकुलाहट ,वहाँ करो तो यहाँ कतरब्योंत - बस हबड़-हबड़ में सुबह से शाम -नहीं,नहीं आधी रात !

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सुरैया जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    जवाब देंहटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: व्यंग्य जुगलबंदी - घर-घर, देश-देश का बिगड़ा बजट
व्यंग्य जुगलबंदी - घर-घर, देश-देश का बिगड़ा बजट
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2017/01/blog-post_29.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2017/01/blog-post_29.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content