-- व्यंज़ल -- तेरी किस्मत में हवा है धूल है ग़रीब फिर तू फल अंडे क्यों खाता है ग़रीब रेमंड का सूट और नाइकी के जूते पहन तू तो और भी...
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व्यंज़ल
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तेरी किस्मत में हवा है धूल है ग़रीब
फिर तू फल अंडे क्यों खाता है ग़रीब
रेमंड का सूट और नाइकी के जूते पहन
तू तो और भी ज्यादा लगता है ग़रीब
अब बस हैं अफ़सर नेता और ठेकेदार
ये देश किसी सूरत तेरा नहीं है ग़रीब
सियासी खेल में तुझे पता नहीं चलेगा
कौन है अमीर और कौन तो है ग़रीब
निजी जेट में तू भले चलता हो रवि
मगर मुहब्बत में तू बेहद है ग़रीब
सही बात है
जवाब देंहटाएंहे, भगवान, क्या होगा अब।
जवाब देंहटाएंफल और अंडे या कोई भी पोष्टिक आहार खाने का अधिकार इन कुछ चुनिन्दा मुस्टंडों को ही होना चाहिए.बाकि जनता तो कर चुकाने, इन नेताओं का पेट भरने के लिए ही है.कैसे निर्लज हैं यह लोग.क्रांति कर इन सब को अपदस्थ कर देना चाहिए.
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