आह! हिंदी इंटरनेट को तो इसका जैसे बरसों से इंतजार था. फ़ेकिंग न्यूज़ - एक किस्म का द ऑनियन इन हिंदी. पर क्या ये सचमुच द ऑनियन की तरह है? ...
आह! हिंदी इंटरनेट को तो इसका जैसे बरसों से इंतजार था.
फ़ेकिंग न्यूज़ - एक किस्म का द ऑनियन इन हिंदी. पर क्या ये सचमुच द ऑनियन की तरह है?
शायद कुछ-कुछ. यदि फ़ेकिंग न्यूज़ को अनबायस्ड तरीके से बिना किसी पॉलिटिकल-रिलीजियस एजेंडा के तहत सिर्फ और सिर्फ हास्य-व्यंग्य पर सीमित रख कर परोसा जाए तो इसको सुपरह हिट होने से कोई नहीं रोक सकेगा. अभी की पोस्टों में वैसे साफ तौर पर राजनीतिक झुकाव परिदृश्य तो होता ही है.
जिस तरह की सामग्री इसमें अभी आ रही है उस हिसाब से इसके हिट होने में देरी नहीं है. फिर भी, सामग्री की प्रचुरता और निरंतरता इसे बनाए रखनी होगी.
फ़ेकिंग न्यूज के कुछ नए ताज़ा समाचार के शीर्षकों से इसकी सामग्री का अंदाजा लगाएँ -
- हरभजन के खिलाफ चलेगा “प्रतिभा से अधिक विकेट” का मामला
- संदेसे आते हैं, हमें फुसलाते हैं!
- हॉल ऑफ शेम
- विवाह-बंधन में बंधे राहुल गांधी, कलावती की बेटी से की शादी
- सुरेश कलमाड़ी करेंगे जेलगांव का निर्माण!
- कश्मीरियों के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका से मांगे पत्थरों के ट्रक
- जानवरों पर भी पड़ता है रिएलिटी शो का बुरा असर!
- “किसी काले कुत्ते को ग्रिल्ड सैंडविच खिलाएं”
- अब दिल्ली मैट्रो की छत पर भी बैठ सकेंगी सवारियां
- दाऊद दे दो, अमर सिंह ले लो!
इनमें से कुछ प्रविष्टियों को सैकड़ों हजारों बार ईमेल फारवर्ड किया गया है. अब ये दीगर बात होगी कि इन प्रविष्टियों को ऐसे ईमेल फारवर्डों के जरिए ही जमा किए गये हैं.
यदि कभी आपके पास करने को कुछ खास काम नहीं हो, और थोड़ा हंसना मुसकुराना चाहें तो फ़ेकिंग न्यूज में भ्रमण कर लें.
(हैट टिप - गिरिजेश राव की पोस्ट - लैंड ऑफ काऊस, बुल्स एंड बुलशिट )
(मूलतः प्रकाशित - छींटे और बौछारें में.)
फेंकिंग न्यूज कहें इसे? जो बस फेंक रहा है।
जवाब देंहटाएंरवि जी, क्यों मेरी मेहनत पर तोहमत लगा रहे हैं:)
जवाब देंहटाएंयह तो जोरदार है। तकलीफ यही है कि जो आशंकाऍं आपने जताई हैं, वे पूरी होंगी और इसका उपयोग नफरत फैलाने में ही ज्यादा होगा।
जवाब देंहटाएंबहुत आच्छा है श्रीमान|
जवाब देंहटाएंईमेल से प्राप्त सुरेश करमरकर जी की टिप्पणी-
जवाब देंहटाएंravijee.mai itna hansa ki pet main bal pad gaye.
हम हँस हँस कर पगला गये हैं।
जवाब देंहटाएंफ़ेकिंग न्यूज़ का हिन्दी में शुरु होना बहुत उत्साहजनक है। बाकी इसमें पक्षपात जैसी बात हमें कभी नहीं लगी।
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