ध माकेदार गूगल+ आया तो गूगल(-) को तो आना ही था. गूगल माइनस को रिलीज करने वाली पार्टी के बारे में तो अभी एंटीसेक और एनॉनिमस हैकर समूहों को ...
धमाकेदार गूगल+ आया तो गूगल(-) को तो आना ही था. गूगल माइनस को रिलीज करने वाली पार्टी के बारे में तो अभी एंटीसेक और एनॉनिमस हैकर समूहों को भी पता नहीं है, मगर है यह बेहद काम का.
आप सोच रहे होंगे कि ये गूगल माइनस आखिर है क्या बला?
दरअसल, गूगल माइनस एंटी-सोशल-नेटवर्किंग वेब एप्प है जो आपको गूगल+ तथा फ़ेसबुक जैसी वेब विपदाओं से प्रभावी तरीकों से बचाता है.
गूगल माइनस क्या क्या कर सकता है?
सवाल ये है कि ये नया जारी किया गया गूगल माइनस आखिर कर क्या सकता है और क्या सचमुच ये हमारे काम का है भी?
तो उत्तर है – हाँ, ये बहुत कुछ कर सकता है और ये हमारे बहुत काम का है. इसकी स्केलेबिलिटी अंतहीन है. इसमें आप अपनी सुविधानुसार सुविधाएँ और फीचर्स आसानी से जोड़ घटा सकते हैं. वस्तुतः इसको काम में लेने के लिए आपके पास क्षमता होनी चाहिए. आप अपनी क्षमता के मुताबिक इस मुफ़्त एप्प से चाहे जो काम ले सकते हैं. अपुष्ट खबरों के मुताबिक कुछ हैकरों ने इससे सुबह का नाश्ता भी तैयार करवाने में सफलता प्राप्त कर ली है.
वर्तमान में गूगल माइनस में उपलब्ध मुख्य फ़ीचर्स हैं -
- अपने इनबॉक्स को जो गूगल+ इनवाइटों से अथवा या गूगल+ में आपको आपके मित्रों के द्वारा जोड़े जाने की सूचना से भर गए हैं, उन्हें न सिर्फ खाली करता है, बल्कि आगे से ऐसे संदेशों को पूरी तरह से ब्लॉक करता है. इसके प्रीमियम वर्जन में सुविधा है कि यह फ़ेसबुक मित्र निवेदकों अथवा गूगल+ में जोड़े जाने वाले संदेश प्रेषकों को अपशब्दों सहित न सिर्फ नकारने की सूचना देता है, उनके खातों से अवांछित डाटा मिटा भी देता है.
- गूगल माइनस आपको एंटी सर्कल बनाने की सुविधा देता है जिसमें आप अपने खड़ूस बॉस, एक्स-गर्लफ्रैंड, सास/बहू (जो लागू हो), प्रतिद्वंद्वी (कक्षा या कार्यस्थल पर) तथा तमाम लोग जिनसे आप नफ़रत करते हैं – जैसे कि तमाम भारतीय नेता.. इत्यादि को जोड़ सकते हैं और उन्हें मौके बे मौके च्यूंटी काट सकते हैं – एकदम फेसबुक स्टाइल में, मगर यहाँ आपको गूगल+ के विपरीत पूरी तरह से अनाम प्रोफ़ाइल बनाना होगा. असली प्रोफ़ाइल डिलीट कर दिये जाएंगे.
- फ़ेसबुक या गूगल+ पर खाता नहीं बना सकते क्योंकि आपका बॉस या आपकी सास वहाँ पहले से ही मौजूद है और आप कोई चीज इनसे शेयर नहीं करना चाहते? कोई बात नहीं. गूगल माइनस है ना. यहाँ खाता बनाइए. यहाँ न तो आपका बॉस होगा न आपकी सास. होंगे भी तो नक़ली प्रोफ़ाइलों के साथ, और यदि आपको उनके नक़ली प्रोफ़ाइल का पता चल भी गया तो आप आराम से उतनी ही नक़ली प्रोफ़ाइल के साथ उनका अपशब्दों से ताजिंदगी मजाक उड़ाते रह सकते हैं.
- गूगल माइनस में फ़ेसबुक के लाइक बटन या गूगल के प्लस बटन के विपरीत डिसलाइक तथा माइनस बटन होता है. आप चीजों को आसानी से डिस्लाइक कर सकेंगे, आपके द्वारा डिस्लाइक की गई सूचियाँ आसानी से आपके दुश्मनों को सर्वत्र उपलब्ध होंगी. दुश्मन? हाँ, ये तो पहले बताना था. गूगल माइनस एंटी सर्कल में आप मित्र नहीं जोड़ सकते. यहाँ आप एंटी-फ्रेंड यानी दुश्मनों को ही शामिल कर सकते हैं. साथ ही ये आपके वर्तमाम गूगल+ अथवा फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल के नक़ली मित्रों की पहचान कर उनसे आपकी मित्रता खत्म करने में और उन्हें दुश्मन बनाने में भी प्रभावी तरीके से मदद करता है.
- यह आपके दुश्मनों अथवा खड़ूस बॉस के फ़ेसबुक अकाउन्ट पर लाखों नकली फेसबुक मित्र निवेदन भेज कर उन्हें नकली तरीके से फूलकर कुप्पा होने में मदद करता है ताकि यह देख कर आप उन पर हँस सकें. लाफ़्टर इज द बेस्ट मेडिसिन. इस तरह से गूगल माइनस एक बढ़िया दवा की तरह भी काम करता है.
- गूगल माइनस के हैंगइन में ये सुविधा है कि आप अपने एंटीफ्रैंड और जिनसे आप नफरत करते हैं उनसे रीयल टाइम में वीडियो संवाद कर सकते हैं. उन्हें भयंकर गाली गुफ़्तार दे सकते हैं, उनकी बुराईयाँ कर सकते हैं. हैँगइन का उन्नत अल्गोरिद्म सिर्फ गालियों को ही पास करेगा तथा सामान्य भाषा में की गई बातचीत बीप से गायब कर देगा. वैसे भी डेल्ही बेली ने गालियों को फैशन स्टेटमेंट बना दिया है, और अब बात बात में गाली देना सभ्यता की निशानी समझा जाने लगा है. साहित्यिक, सभ्य भाषा में संवाद करने वालों को अब असभ्य, पिछड़ा, गघा और बेवकूफ़ समझा जाने लगा है.
- गूगल माइनस आपको किसी भी अजनबी से अनफ्रैंड होने की सुविधा देता है. आप पब्लिक प्रोफ़ाइल से किसी भी बंदे का प्रोफ़ाइल चुनकर उसे अनफ्रैंड निमंत्रण भेज सकते हैं. और फिर उसके बाद पूरी तरह एंटीसोशल एलीमेंट की तरह मजमा जमा सकते हैं – एक दूसरे की वाल पर गाली गलौज वाले, श्राप देते हुए, उनके वंशजों को धिक्कारते हुए संदेश भेज सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं. नकली सभ्य इंटरनेट की मोनोटोनी को खत्म करने में, और सादा सरल इंटरनेट में कुछ मिर्च-मसाला भरने में गूगल माइनस का योगदान अहम रहेगा.
ये तो सिर्फ कुछेक महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं. गूगल माइनस का परीक्षण अभी जारी है और आगे इसके अन्य विशेषताओं के बारे में यहाँ चर्चा जारी रहेगी. अतः इस ब्लॉग पर नजरें जमाए रखें.
आपको गूगल माइनस का निमंत्रण चाहिए? जी हाँ, यह मुफ़्त वेब एप्प भी सिर्फ चुनिंदा आमंत्रितों के लिए ही उपलब्ध है, क्योंकि जो चीज निमंत्रण के जरिए मिलती है, उसके आरंभिक तौर पर सफल होने के चांसेज कुछ गुना बढ़ जाते हैं. तो यदि आपको गूगल माइनस का निमंत्रण चाहिए तो नीचे टिप्पणी बक्से में अपना ईमेल पता दर्ज करें, आपको निमंत्रण भेज दिया जाएगा. निमंत्रण पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर भेजा जाएगा, अतः कृपया जल्दी करें. ऐसा न हो कि निमंत्रण खत्म हो जाएं.
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गूगल ने देवासुर टाइप कहानी क्यों शुरु करने की सोच ली है? मतलब गूगल माइनस अपने दुश्मन टाइप लोगों के लिए आ गया। नेता, सास, बास जैसों को चुनकर तो आपने लोगों पहले ही याद दिला दिया कि किसके साथ क्या करना है?
जवाब देंहटाएंबहुत जरूरी है यह।
जवाब देंहटाएंये भी बहुत काम का निकला...
जवाब देंहटाएंहिन्दी साहित्य के चुनिन्दा व्यंग्य लेखकों की पुस्तकें गूगल बुक्स में पढ़ें
भेजिए तो एक इधर फटाफट.
जवाब देंहटाएंयह App तो खासतौर पर "हिन्दी ब्लॉगरों" के लिए ही बनाया गया प्रतीत होता है… :)
जवाब देंहटाएंअरे बाप रे!! ये तो एंटी-सोशल एप है :) कांग्रेस के बहुत काम आयेगी
जवाब देंहटाएंbahut badiya lage raho
जवाब देंहटाएंगूगल को इसकी प्रेरणा अवश्य ही ब्लॉगजगत में चलने वाली जूतमपैजार से मिली होगी। :)
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जीवन का सूत्र...
NO French Kissing Please!
:)
जवाब देंहटाएंबहुत ही धाँसू सेवा है। कब शुरु हो रही है?
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