यदा कदा हम सभी का सामना रीअल, वास्तविक चीजों से हो जाता है, और हम सन्न खड़े देखते रह जाते हैं. ऐसे ही कुछ वास्तविक चीजों से सामना पिछले ...
यदा कदा हम सभी का सामना रीअल, वास्तविक चीजों से हो जाता है, और हम सन्न खड़े देखते रह जाते हैं. ऐसे ही कुछ वास्तविक चीजों से सामना पिछले दिनों अनायास हो गया. आप भी दर्शन-लाभ लें.
यह है द रीअल कैटल क्लास -
पौराणिक महत्व की, दैव नगरी – उज्जयिनी के रेलवे विश्रामगृह का 30 सितम्बर 09 की रात्रि का चित्र है यह. बताने की जरूरत नहीं कि हम भी शामिल थे रीअल कैटल क्लास में – झाबुआ तक के रात्रिकालीन सफर के दौरान क्षणिक विश्राम की तलाश में :)
और, यह हैं असली मदर मैरी.
एक और एंगल से नहीं सराहेंगे?
--
(सभी चित्र – सौजन्य : रेखा)
इसे कहते है समय पर सटीक फोटो खींचना, असलियत यही है, बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंसच्चा भारत...‘ये मेरा इंडिया’ देख लीजिये
जवाब देंहटाएंपर मुस्कुराने की काबिलियत हम भारतीयों में तो बची है ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
यहाँ भी आए
http://computerlife2.blogspot.com/
ज्यादा सच्चाई दिखाने से लोग नाराज़ भी हो जाते हैं.
जवाब देंहटाएंवैसे ये हाल तो भारत में सब जगह मिल जायेगा.
थोडी खूबसूरती भी है, हमारे ब्लॉग पर. कृपया पधारें
कैटल क्लास और मदर मैरी सच में रियल है . माँ बेटे के चहेरे पर ख़ुशी भी रियल है सच में
जवाब देंहटाएंज्यादा सच्चाई दिखाने से लोग नाराज़ भी हो जाते हैं (हम नहीं होते).
जवाब देंहटाएंवैसे ये हाल तो भारत में सब जगह मिल जायेगा (देखने वाले की आंखें मगर देखती नहीं).
थोडी खूबसूरती भी है, हमारे ब्लॉग पर (शायद). कृपया पधारें
एकदम रियल.
जवाब देंहटाएंyeh nazara to bharat ke kisi bhi shahar me mil jaega
जवाब देंहटाएंBus ruk ke dhyan dene wale jara kam hain !
एकदम रियल.
जवाब देंहटाएंसरल देश के सरल लोगों की निर्मल तस्वीर ...
जवाब देंहटाएंयही है सच्चा भारत ...!!
आपके ब्लोग मे अनरियल भी क्या है यह नही पता चला है । सब कुछ तो रियल ही मिलता है । बिना किसी लाग लपेट के ।
जवाब देंहटाएंभारत में तो हमेशा ही कैमरे के लायक भरपूर तस्वीरें मिल जाती हैं।
जवाब देंहटाएंयह केटल तो प्लेटफोर्म पर भी विचरन करते है हमारे पास एक ऐसा भी फोटो है लेकिन यह फोटो देखकर मज़ा आया ।
जवाब देंहटाएं