अभी पिछले दिनों मेरे दो अजीज मित्रों के साथ अलग-अलग मगर एक ही किस्म का हादसा हो गया. उनके मोबाइल फोन के कान्टेक्ट नंबर व अन्य डाटा उन...
अभी पिछले दिनों मेरे दो अजीज मित्रों के साथ अलग-अलग मगर एक ही किस्म का हादसा हो गया. उनके मोबाइल फोन के कान्टेक्ट नंबर व अन्य डाटा उनसे खो गए. एक का मोबाइल खो गया तो दूसरे के मोबाइल का डाटा उड़ गया. वर्षों से एकत्र किए हुए मित्रों परिचितों व रिश्तेदारों के सम्पर्क नंबर तथा अन्य महत्वपूर्ण डाटा जो उन मोबाइलों में दर्ज थे वे उड़ गए जिनकी वजह से उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ी.
ये हादसा आपके साथ भी कभी भी हो सकता है. आपका मोबाइल खो सकता है, चोरी जा सकता है, उसका डाटा वायरस इत्यादि के जरिए या किसी अन्य नामालूम सी वजह से उड़ सकता है. कभी बेध्यानी में या मिसहैंडलिंग के कारण मोबाइल में भौतिक टूटफूट हो सकती है और नतीजतन उसका डाटा खराब हो सकता है.
(एलजी का मोबाइल सूट प्रोग्राम एलजी डेस्कटाप बहुत ही उम्दा किस्म का है, जिसके जरिए आप अपने एलजी मोबाइल के सम्पर्कों का बढ़िया प्रबंधन कर सकते हैं और अपने मोबाइल डाटा का बैकअप बना कर रख सकते हैं)
ऐसे में होने वाली समस्याओं से बचने का एकमात्र उपाय है – नियमित समय पर मोबाइल डाटा का बैकअप लेते रहना व उस बैकअप को सुरक्षित रखते रहना. मोबाइल डाटा का बैकअप लेना बहुत ही आसान है. कुछ बेसिक मॉडल के मोबाइल फोनों के अलावा आमतौर पर मोबाइल फोनों को डाटाकार्ड/ब्लूटूथ/इन्फ्रारेड/वायरलेस के जरिए कम्प्यूटर से आसानी से जोड़ा जा सकता है और मोबाइल फोनों के पीसीसूट जैसे अनुप्रयोगों के जरिए उनमें दर्ज डाटा का बैकअप कम्प्यूटरों पर डाटा एक्सपोर्ट के जरिए किया जा सकता है. आमतौर पर उच्च कीमत वाले मोबाइल फोनों के साथ डाटा कार्ड व मोबाइल फोन पीसी सूट जैसा अनुप्रयोग मुफ़्त में आता है. यदि नहीं आता है तो एलजी व नोकिया जैसे मोबाइल फोनों के डाटाकार्ड व प्रोग्राम की सीडी कोई 150-200 रुपए कीमत में (असली के चक्कर में अधिक कीमत में न फंसें,) किसी भी मोबाइल फोन की दुकान से खरीदे जा सकते हैं. यदि आपको लगता है कि आप यह सब नहीं कर पाएंगे, इनमें कुछ झमेला है तो आप अपना मोबाइल फोन लेकर मोबाइल शॉप में चले जाएं, जहाँ मोबाइल फोनों में डाउनलोड इत्यादि की सुविधा दी जाती है. वे आपको आपके मोबाइल डाटा की सीडी बहुत ही वाजिब दामों में बनाकर दे देंगे. बीएसएनएल जैसे कुछ मोबाइल सेवा प्रदाता फोन के कुछ माडलों के साथ आपके सम्पर्कों की सूची को उनके सर्वर में सहेजने की भी सुविधाएँ प्रदान करते हैं. यदि आपके मोबाइल में यह सुविधा उपलब्ध है, तो इसका लाभ अवश्य लें क्योंकि तब आपके कान्टेक्ट नंबरों का अद्यतित डाटा बिना झमेले के – जैसे कि सिर्फ एक काल के जरिए नियमित रूप से बैकअप लेते रह सकते हैं. इस सेवा को नियमित अंतराल पर स्वचालित अपडेट करने (जैसे कि महीने में एक बार, हर पहली तारीख को) की सुविधा भी ले सकते हैं.
(कामा से अलग किए गए मूल्य (सीएसवी) कुछ ऐसा दिखता है जिसे आप एक्सेल के जरिए भी आसानी से संपादित कर सकते हैं)
आप चाहें तो अपने मोबाइल के सम्पर्कों की सूची को अपने कम्प्यूटर पर मोबाइल पीसीसूट प्रोग्राम के जरिए बेहतर तरीके से प्रबंधित भी कर सकते हैं. मोबाइल पर सम्पर्कों की सूची को प्रबंधित करने में स्क्रीन आकार छोटा होने व सीमित कुंजीपट के कारण दिक्कतें आती हैं. आप अपने मोबाइल पीसी सूट (जैसे कि एलजी डेस्कटाप लाइट या नोकिया पीसी सूट) जैसे प्रोग्रामों के जरिए सम्पर्क सूची का संपादन ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं.
(नोकिया का निर्यात किया हुआ, सहेजा गया व बैकअप लिया हुआ कान्टेक्ट डाटा पाठ फाइल में कुछ-कुछ ऐसा दिखता है जिसे आप नोटपैड पर आसानी से संपादित कर सकते हैं. नाम व नंबरों को धुंधला कर दिया गया है.)
आप अपने कान्टेक्ट डाटा को कई तरीके से जैसे कि - सीएसवी (कॉमा सेपरेटेड वेल्यू) या टैक्स्ट फ़ॉर्मेट में एक्सपोर्ट कर सकते हैं. आपका यह एक्सपोर्ट किया गया डाटा तब भी आपके बहुत काम में आएगा जब आप कोई नया, दूसरा मोबाइल लेते हैं, या अपने मोबाइल को नए उन्नत मॉडल के साथ अपग्रेड करते हैं. तब आपको अपने सम्पर्कों को मोबाइल में एक एक कर फिर से भरने की आवश्यकता नहीं है. आप इस पहले से एक्सपोर्ट किए डाटा को अपने मोबाइल में इम्पोर्ट कर सकते हैं. यदि आप जीमेल जैसी ईमेल सेवा का प्रयोग कर रहे हैं तो आप अपने मोबाइल फोन के टैक्स्ट रूप में निर्यात डाटा को स्वयं के पते पर ईमेल से भेजकर उसे इंटरनेट पर सदा सर्वदा के लिए सुरक्षित रख सकते हैं तथा आपके पास आपका कम्प्यूटर/मोबाइल नहीं होने पर भी किसी भी स्थान से इंटरनेट के जरिए सम्पर्क नंबरों को देख सकते हैं. चाहें तो आप इस निर्यात किए मोबाइल डाटा के पाठ फाइल का प्रिंटआउट लेकर भी डायरी नुमा शक्ल में बाइंडिंग करवा कर रख सकते हैं.
तो फिर देर किस बात की? इससे पहले कि आपके मोबाइल के सम्पर्कों का डाटा, ईश्वर न करे, कहीं खो न जाए, इसका बैकअप बना ही लें. दूसरे सभी कामों को त्यागकर, तत्काल, अभी ही!
मैं मोटोरोला का V195 फोन इस्तेमाल करता हूँ. इस फोन को ब्लूटूथ के जरिये अपने "एप्पल मैक" लैपटाप से जोडकर सारे डाटा का बैकप ले लेता हूँ. इससे आसान चीज तो कुछ हो ही नहीं सकती!
जवाब देंहटाएंजरूरी है। वरना वडनेरकर जी की तरह टेलीफोन नंबर मांगना पड़ जाए।
जवाब देंहटाएंहम जैसे लोग भी आपको पढ़-पढ़ कर सीख रहे हैं। मुझे याद है जब मैंने अपना ब्लाॅग शुरू किया था तब आपने भी हौसलाअफजाई की थी। आज आपका नाम हिन्दी ब्लाॅगिंग से अलग करके नही देखा जा सकता हैं। आपका जिक्र मैं अक्सर लोगों से करता हूं। आपकी चर्चा और एक लेख भी अपनी पुस्तक में आभार के साथ दिया है। अच्छा आपको अभी तक पुस्तक मिली या नही ये तो बताए। बाकी बहुत-बहुत आभार और शुक्रिया
जवाब देंहटाएंइरशाद
साहेब, हमारा मोबाईल जब स्मृतिलोप का शिकार हुआ तब आपको भी खत मिला होगा...
जवाब देंहटाएंइस किस्म की राय की हमें ज़रूरत थी। हालांकि बाद मे पता चला कि हमारी मूर्खता के चलते मोबाइल की स्मृति ने घुटने नहीं टेके थे बल्कि एक गुमनाम फोल्डर में सारे नाम दर्ज हो गए थे, जिसकी हमें खबर नहीं थी। सारे नंबर बरामद हो चुके हैं।
आपकी बताई सलाह पर सौ फीसद अमल किया जाएगा जी।
शुक्रिया है..
पर हमारे मोबाईल के माडल के लिये डाटा कार्ड उपलब्ध ही नहीं है इसलिये हम खुद ही एक्सेल में सप्ताहांत में लिखते रहते हैं।
जवाब देंहटाएंएक दो बार प्रयोग किये मगर नियमीतता नहीं रहती. अतः कभी भी भूगतना पड़ सकता है.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी व सुझाव.
रवि जी सारी सुविधाएं होने के बावजूद हमलोग अक्सर भूल जाते हैं और डाटालॉस के बाद सारे नियम दोहराते हैं लेकिन इस बार आपने पहले ही याद दिलाया धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंहमारा रतलाम पर भी इसी संदर्भ में एक लेख जरूर देखें।
Hamara Ratlam हमारा रतलाम: ICE Numbers in your Cell Phones
ham to aksar computer se hi apne sare SMS bhi bhejte hain aur samay samay par phone number ke sath sath SMS ka bhi backup rakh lete hain.. bechare jagah bhi kam hi gherte hain.. :)
जवाब देंहटाएंhan magar yah bhi sach hai ki 99% log aisa nahi karte hain, aur adhikansh logon ko iski koi jankari bhi nahi hoti hai ki aise bhi back-up liya ja sakta hai..
जब नोकिया प्रयोग में आता था तब कंप्यूटर पर बैकअप नहीं लेता था, झंझट लगता था, एक बार डाटा उड़ भी गया था, तो उसके बाद से एड्रैस बुक का मेमोरी कार्ड में बैकअप लेना शुरु किया था।
जवाब देंहटाएंअब तो खैर विन्डोज़ मोबाइल है, जब भी कंप्यूटर से कनेक्ट होता है अपने आप ही एड्रैस बुक सिंक्रोनाइज़ (synchronise) हो जाती है, टेन्शन खत्म! :)
वैसे यह सिंक्रोनाइज़ेशन वाली सुविधा नोकिया के मोबाइल फोनों में भी होती है, पीसी सईट में विकल्प चुनना होता है और यह नियमित रूप से सिंक्रोनाइज़ कर सकता है फोन की एड्रैस बुक को कंप्यूटर पर मौजूद एड्रैस बुक से।
आमतौर पर उच्च कीमत वाले मोबाइल फोनों के साथ डाटा कार्ड व मोबाइल फोन पीसी सूट जैसा अनुप्रयोग मुफ़्त में आता है. यदि नहीं आता है तो एलजी व नोकिया जैसे मोबाइल फोनों के डाटाकार्ड व प्रोग्राम की सीडी कोई 150-200 रुपए कीमत में (असली के चक्कर में अधिक कीमत में न फंसें,) किसी भी मोबाइल फोन की दुकान से खरीदे जा सकते हैं.
नोकिया पीसी सुईट (Nokia PC Suite) सॉफ़्टवेयर मुफ़्त ही है, नोकिया वाले उसका कोई दाम नहीं लेते। यह उनकी वेबसाइट से मुफ़्त में डाउनलोड किया जा सकता है या किसी भी नोकिया के अधिकारिक डीलर की दुकान से प्राप्त किया जा सकता है! :)
आज अपना फोन हैंग हो गया था, बूट ही नहीं हो रहा था। हाल ही में पुराने फोन के सिम से कॉपी कर और संशोधित करके इसमें सारे कॉण्टैक्ट्स डाले थे तो लगा कि गई सारी मेहनत, बैकअप क्यों न लिया। :(
जवाब देंहटाएंखैर किस्मत से मेमोरी कार्ड निकाल कर रीस्टार्ट करने पर फोन चल गया। अब सबसे पहला काम बैकअप लेने का करेंगे। :)
इसी सिलसिले में गूगलते हुये आपके यहाँ पहुँच गये।