मितवा के सदस्य बनें और सार्थक सामाजिक जीवन शुरू करें... ये कैच लाइन है एक नए सामाजिक जाल स्थल मितवा का. मितवा का पहला बीटा संस्करण पूर...
मितवा के सदस्य बनें और सार्थक सामाजिक जीवन शुरू करें...
ये कैच लाइन है एक नए सामाजिक जाल स्थल मितवा का. मितवा का पहला बीटा संस्करण पूरी तरह हिन्दी में कुछ ही समय पूर्व बिना किसी हल्ला-गुल्ला के जारी किया गया है. पर, लगता है कुछ हड़बड़ी में चालू किया गया है क्योंकि इन पंक्तियों के लिखे जाने तक (17 मार्च 2009, 2.28 बजे, भारतीय समय) इसके मुख्य पृष्ठ पर उपलब्ध हिन्दी लिखने के औजार की कड़ी काम नहीं कर रही है. साथ ही जहाँ तहाँ वर्तनी की ग़लतियाँ हैं, जो मजा खराब कर रही हैं. एक व्यावसायिक प्रकल्प में ऐसी ग़लतियाँ अक्षम्य हैं.
फिर भी, आकल्पन बढ़िया, साफसुथरा और काम का प्रतीत होता है. हालाकि फेसबुक के जैसे अंतर्निर्मित अनुप्रयोगों और सुविधाओं का इंटीग्रेशन इसमें भविष्य में हो भी पाएगा या नहीं – जिसके बगैर बड़ी सफलता नामुमकिन सी लगती है - भविष्य ही बताएगा.
वैसे तो मितवा को पूरा भारतीय और पूरा हिन्दीमय बनाया और बताया गया है. मगर इसके शुरूआती पृष्ठों के विजुअल और विज्ञापनों में मॉडलों के रूप-रंग विदेशी हैं. इस पर भी शुद्ध हिन्दीमय रूप धरा जाता तो जरा ज्यादा मजा आता.
मितवा में हाल फिलहाल निम्न सुविधाएँ हैं –
मित्र मंडली बनाना व उनके सम्पर्क में रहना
चित्र, वीडियो साझा करना
ब्लॉग लिखना
फोरम व समूह बनाना
तो, क्या आप भी सार्थक सामाजिक जीवन जीना नहीं चाहेंगे?
यदि हाँ, तो जुड़ें मितवा से. हिन्दी ब्लॉग जगत् से संजय बेंगाणी पहले पहल जुड़ने वालों में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं.
चलिए, हम भी उनके मितवा बन जाते हैं...
सर जी आपको बताना चाहूँगा की हिंदी लेखन टूल तो काम कर रहा है वैसे मितवा के बारे में जानकार अच्छा लगा, ऑरकुट का विरोधी तो नहीं लेकिन मितवा का समर्थक जरुर बनूँगा .....
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जवाब देंहटाएंरविभाई, मैं भी हौसले से गया था,
पर मितवा ने दरवाज़े पर ही 17 मिनट खड़ा रखा..
लिहाज़ा लौट आया .. आपकी पहुँच हो तो सदस्य बनवा दीजिये
वरना.... वरना मैं बिना सदस्य बने भी जी लूँगा !
हमारा इससे जुड़ना आप जानते ही है, कुछ और कारण से हुआ है. मजे लें...आप वहाँ होंगे तो हम भी बने रहेंगे.
जवाब देंहटाएंआप दिग्गजों का यदि रुझान उधर है और यह भारतीयता/ हिन्दी को समर्पित है तो मैं इसका सदस्य जरूर बनना चाहूंगा ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया वही बात .ऑरकुट का विरोधी नहीं पर मितवा के दोस्त ..
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी है ... मैं कोशिश करती हूं इससे जुडने की।
जवाब देंहटाएंबैनर पे देसी फोटो भी लगाते!!
जवाब देंहटाएंहम्म... वैसे ऑरकुट पर भी हिंदी में तो लिख ही सकते हैं !
जवाब देंहटाएंनाम तक नहीं सुना कभी इसक मितवा का…मितवा, भूल न जाना…
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