यदि आप अपने व्यक्तिगत पैशन के लिए किसी सॉफ़्टवेयर का विकास कर रहे हैं या मन में ऐसा कोई विचार है और उसे आम जन के लिए ओपन-सोर्स के रूप ...
यदि आप अपने व्यक्तिगत पैशन के लिए किसी सॉफ़्टवेयर का विकास कर रहे हैं या मन में ऐसा कोई विचार है और उसे आम जन के लिए ओपन-सोर्स के रूप में जारी करना चाहेंगे तो आपकी उस परियोजना को थोड़ा सा अवलम्बन और थोड़ी सी पहचान सराय फ्लॉस फ़ेलोशिप के जरिए मिल सकती है.
राजीव गांधी फ़ाउंडेशन द्वारा समर्थित इस फ़ेलोशिप के तहत स्वीकृत परियोजना को छः महीनों में पूरा करना होगा और इसके लिए 70 हजार रुपयों का अनुदान स्वीकृत किया जाता है.
ज्ञातव्य हो कि लिनक्स तंत्रों में गनोम, केडीई व ओपनऑफ़िस के हिन्दी अनुवादों समेत बहुत से अन्य उपयोगी सॉफ़्टवेयर जैसे कि न्यूज़रैक, हिन्दवी इत्यादि को सराय फ्लॉस फ़ेलोशिप का पोषण मिला था.
प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तारीख 25 जून 2007 है.
विस्तृत विवरण यहाँ देखें.
Tag सराय सीएसडीएस,फ़्लॉस फ़ेलोशिप,sarai csds,floss fellowship
अच्छी सूचना है;
जवाब देंहटाएंबल्कि आप तो कोई विचार बताईये कि क्या साफ्टवेयर बनाया जा सकता है?
बढ़िया जानकारी. विचार किया जायेगा.
जवाब देंहटाएंधुर विरोधी जी,
जवाब देंहटाएंयदि आपके मन में कुछ विचार हैं और वह कोई ऐसा छोटा सा प्रोजेक्ट हो जो छः माह में तथा सत्तर हजार रुपयों के कंपनसेशन (कंपनसेशन को यदि छोड़ दें तो समय सीमा आवश्यक है) में किया जा सकता है और वह आम जन के लिए उपयोगी हो और उसे आप मुक्त स्रोत के अंतर्गत रखना चाहते हैं तो किसी भी प्रकार के सॉफ़्टवेयर हेतु प्रस्ताव दिया जा सकता है. उदाहरण के लिए, कैफ़े हिन्दी को लिनक्स तंत्र हेतु डेवलप करने का प्रस्ताव दिया जा सकता है जिसके स्वीकृत होने की पूरी संभावना है. मैथिली जी - आप पढ़ रहे हैं?
लिनक्स तंत्र को असमी भाषा में अनुवाद करने हेतु परियोजना में विशेष स्वीकृति मिली है. हिन्दी लिनक्स का आज का रूप सराय द्वारा स्वीकृत विगत तीन परियोजनाओं का ही नतीजा है. केडीई4 के हिन्दी करण पर इसी परियोजना के अंतर्गत कार्य जारी है.
उम्मीद है आपको कुछ क्लू तो मिल गए होंगे.
समीर जी, बिलकुल विचार कीजिए. आप तो एक्सेल मास्टर हैं - ऐसा कोई प्रोग्राम बनाइए जो हमारे आयकरों की गणना कम करे :)
रवि रतलामी जी;
जवाब देंहटाएंअच्छा सुझाव है. हम हर तीन माह में दस बारह दिन के लिये फ्री होते हैं, अगला ब्रेक इसी का लेते हैं. (फेलोशिप के लिये नहीं, केवल मुक्त स्रोत पर काम करने के लिये)