क्या मिल सकेंगी आपकी दुआएँ ?

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(श्री जगदीप डांगी) इससे पहले कि मैं आपसे दुआ मांगूं, थोड़ा सा प्राक्कथन . इस दफ़ा की ड...


(श्री जगदीप डांगी)

इससे पहले कि मैं आपसे दुआ मांगूं, थोड़ा सा प्राक्कथन.

इस दफ़ा की डिज़िट पत्रिका (अप्रैल 2007) के सॉफ़्टवेयर डीवीडी में जगदीप डांगी द्वारा तैयार किया गया, हिन्दी के दो सॉफ़्टवेयर संलग्न हैं.

1 - डांगी सॉफ़्ट हिन्दी अंग्रेज़ी डिक्शनरी तथा

2 - डांगी सॉफ़्ट ग्लोबल वर्ड ट्रांसलेटर

ये दोनों ही सॉफ़्टवेयर विंडो विंडोज़ 98 तथा विंडोज़ एक्सपी के लिए अलग-अलग संस्थापक फ़ाइलों के साथ संलग्न है. यह इनका डेमो संस्करण है जिसे आप 30 दिनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

ग्लोबल वर्ड ट्रांसलेटर की ख़ूबी यह है कि इसके जरिए आप विंडोज़ के किसी भी अनुप्रयोग में अंग्रेज़ी के शब्दों का हिन्दी अर्थ देख सकते हैं. बस आपको उस शब्द को दोहरा क्लिक करना होता है. परंतु ये फ़ॉयरफ़ॉक्स या ऑपेरा ब्राउज़र में नहीं चलता. हाँ, आप इसका इस्तेमाल इंटरनेट एक्सप्लोरर, एमएस वर्ड तथा यहाँ तक कि नोटपैड में भी काम में ले सकते हैं. अगर आप इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल करते हैं और अंग्रेज़ी पृष्ठ पढ़ रहे हैं और किसी अंग्रेज़ी शब्द का अर्थ नहीं मालूम तो उस शब्द पर क्लिक करिए , आपके सामने उसका हिन्दी में अर्थ हाजिर हो जाएगा.

जांच के दौरान यह थोड़ा सा बगी लगा और डेमो संस्करण में संभवतः शब्द भंडार सीमित है.

इसी तरह, डांगी सॉफ़्ट हिन्दी अंग्रेज़ी डिक्शनरी भी अपने अलग स्वरूप में है. दरअसल इसका प्रारूप शब्दकोश का सा न होकर शब्दों के उचित प्रयोग करने हेतु वाक्यों तथा वाक्य विन्यास बताने जैसा है. यह अपने आप में एक अलग किस्म का अनुप्रयोग है - जिसमें आप हिन्दी से अंग्रेज़ी या अंग्रेज़ी से हिन्दी शब्दों के अर्थ व वाक्य विन्यास के बारे में जान सकते हैं.

ये दोनों ही सॉफ़्टवेयर यूनिकोड में नहीं हैं तथा ये कृतिदेव श्रेणी के फ़ॉन्ट इस्तेमाल करते हैं. अतः आप इन्हें इंटरनेट पर कट-पेस्ट हेतु इस्तेमाल नहीं कर सकते, परंतु शब्दों के अर्थ इत्यादि देखने के लिए इनका बख़ूबी इस्तेमाल किया जा सकता है.

इनके संपूर्ण संस्करण के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इसके डेवलपर जगदीप डांगी से उनके ईमेल पता- dangijs@yahoo.com पर संपर्क कर सकते हैं. जगदीप डांगी ने इसके पूर्व हिन्दी ब्राउज़र भी बनाया था.


आइए, अब करते हैं दवा और दुआ की बातें...

दोस्तों, जिंदगी का कठिन दौर सबके साथ आता है.

ऐसे में, अगर आपकी दुआएं मिले तो वह दौर आसानी से भले ही निकल न पाए, मगर उससे सामना करने की शक्ति, ताकत, साहस और उत्साह तो मिलता ही है.

जी हाँ, अंतर्जाल के मेरे ये अत्यंत जहीन, उम्दा मित्र, जगदीप डांगी अभी ऐसे ही कठिन दौर से गुजर रहे हैं. इस सॉफ़्टवेयर को चलाने के दौरान कुछ समस्याएँ आईं तो मैंने उनसे संपर्क किया. उनसे प्राप्त इस व्यक्तिगत ईमेल का छोटा सा हिस्सा उनसे क्षमा याचना सहित प्रस्तुत कर रहा हूँ -

"नमस्कार, शायद कोई एक फोन्ट सही से इन्सटाल न हुआ हो आप विंडोज फ़ोन्ट्स फ़ोल्डर में जाकर सभी फ़ोन्ट्स रिफ़्रेश करके विंडोज को रिस्टार्ट कर दें तो वह ठीक से कार्य करने लगेगा. तकदीर ने हमारे साथ बहुत ही बेहूदा मजाक किया मेरा बचपन तो अस्पताल में ही गुजर गया और आज मैं बहुत ही खराब स्थिति में हूँ मेरी तवियत ठीक नहीं है मेरा इलाज भोपल मेमोरियल में चल रहा है मेरी दोनो किडनी खराब बताई हैं मुझे क्रोनिक रीनल फ़ैलर बताया है अब पता नहीं मैं रहूँगा या नहीं...."

आपका,

जगदीप डांगी

मैंने जवाब में उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कुछ यूँ की -

जगदीप भाई,
आपकी कहानी सुनकर सचमुच दुख हुआ. आप जैसी परिस्थिति से मैं भी गुजर चुका हूँ. मेरी स्वयं की ये कहानी पढ़ें -

http://hindini.com/ravi/?p=15

मेरा मानना है कि आप हिम्मत न हारें. स्टीफ़न हाकिंस को डॉक्टरों ने कोई बीस साल पहले कह दिया था कि वो अब एक साल से अधिक जी नहीं सकता. परंतु हाकिंस उस भविष्यवाणी को अंगूठा दिखाता आज भी शान से जी रहा है - भले ही वह दवाइयों उपकरणों पर पूर्ण निर्भर है, मगर उसने जिजीविषा नहीं छोड़ी है. मैंने भी, सर्जन के लिखित स्टेटमेंट के बाद कि सर्जरी में जान का खतरा है, सर्जन के चाकू के नीचे जाना उचित समझा और आज मैं भी सांसें ले रहा हूं. विज्ञान ने बहुत प्रगति कर ली है और आप भी अपनी पूरी जिंदगी जिएंगे. किडनी ट्रांसप्लांट के साथ साथ अब स्टैम सेल से भी इलाज संभव है. बस आपके धैर्य , जिजीविषा और मानसिक संबल की आवश्यकता है. उसे खोएं नहीं. वैसे भी आपने हिन्दी व हिन्दी कम्प्यूटिंग के लिए इतना कुछ निःस्वार्थ भाव से किया है, वह आपको अमर रखेगा.

उम्मीद है, आपकी भी दुआएं जगदीप जी को मिलेंगी. आप चाहें तो उन्हें dangijs@yahoo.com पर ईमेल भी कर सकते हैं.

ज्ञातव्य हो कि जगदीप डांगी को उनके कम्प्यूटर पर हिन्दी संबंधी कार्यों व सॉफ़्टवेयर विकास हेतु लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड से नवाजा जा चुका है तथा माइक्रोसॉफ़्ट भाषा इंडिया में उनका साक्षात्कार भी प्रकाशित हो चुका है. उनके बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें -

http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews/story/2006/11/061117_dangi_limcabook.shtml

http://bhashaindia.com/Patrons/SuccessStories/JagadishDangi.aspx?lang=en

http://abhivyakti-hindi.org/snibandh/sakshatkar/jagdeep%20Dangi.htm

http://raviratlami.blogspot.com/2006/11/blog-post.html

http://raviratlami.blogspot.com/2004/12/blog-post_03.html

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COMMENTS

BLOGGER: 10
  1. अवश्य मिलेंगीं और बहुतों की दुआएं मिलेंगी उनको। इसके पहले भी श्री डांगी द्वारा किये गये कार्यों की, उनकी अवस्था और साथ-साथ लगन की जानकारी आपके चिट्ठे से हुई थी।

    उनके शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य-लाभ के लिये हमारी हार्दिक शुभ-कामनाएं। रवि जी, आशा है कि स्वास्थ्य के मामले में आपके अपने अनुभव भी उनमें आशा का संचार करेंगे।

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  2. हमारी शुभकामनाऐ आपके साथ है।

    जवाब देंहटाएं
  3. हमारी दुआयें साथ हैं.

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  4. पढ़ कर मन भारी हो गया.

    हम सब की दूआएं उनके साथ है.

    जवाब देंहटाएं
  5. डांगी जी का स्वास्थ ठीक हो। हमारी दुआऐं

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  6. एनके शीघ्र सवास्‍थ्‍य लाभ हेतु शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  7. dagi ji mey Bhagwan sey aap key ley Parathana karugaa ki aap ki lambi aayu hoo or aap jaldi sawasth hoo jaaoo

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  8. पढ़ कर दुख हुआ, हमारी दुआ उनके साथ हैं

    जवाब देंहटाएं
  9. हमारी दुआयें साथ हैं.

    जवाब देंहटाएं
  10. जगदीप ने बताया है -

    आपने लिखा की अनुवादक फायरफोक्स या ओपरा में कार्य नहीं करता, वह फायरफोक्स, ओपरा और इसी तरह के सभी सोफ़्टवेयर में कार्य करता है इस बात को मैंने अनुवादक की हेल्प में भी लिखा है. इसके लिये शब्द को चयन करके F2 या F9 बटन को दबाईये तो आपको फायरफोक्स में भी अनुवाद हो जायेगा.

    रवि

    जवाब देंहटाएं
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छींटे और बौछारें: क्या मिल सकेंगी आपकी दुआएँ ?
क्या मिल सकेंगी आपकी दुआएँ ?
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